Jaipur Art Summit: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जयपुर आर्ट समिट के 10वें वार्षिक आयोजन के दूसरे दिन की शुरुआत फोक फ्यूजन की प्रस्तुती के साथ सुबह 11 बजे हुई। रविवार को कार्यक्रम में देश-विदेश से आए कलाकारों ने पेपर कोलाज, फोक, आर्ट, डिजाइन, तामचीनी कला के माध्यम से अपने हुनर को प्रदर्शित किया। कार्यक्रम में जार्जिया देश से आए वाटो ने कहा कि जीवन के किसी भी कार्य को पूर्ण करने का सही तरीका सिर्फ कला ही है।
कार्यक्रम में शाम चार बजे के बाद कलाकारों को कलाश्री अलंकरण से सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वाले कलाकारों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साउथ कोरिया के एल्कवान किम को सम्मान प्रदान किया गया। राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली के अशोक भौमिक व स्थानीय कलाकार एसएम भांड़ को कलाश्री सम्मान से नवाजा गया। वहीं दूसरी ओर कला संस्कृति एवं विरासत के प्रचार-प्रसार में मीडिया की भूमिका विषय पर मधुकर चतुर्वेदी, सर्वेश भट्ट, जयंत सिंह, लक्ष्मीकांत शर्मा ने अपने विचार साझा किए। आर्ट वर्कशाप में खासतौर पर उदयपुर के कलाकार एमए हुसैन ने 40 फीट की हार्स की आन द स्पाट विषय पर आधारित पेंटिंग को प्रस्तुत किया। जो समाज में टीम स्पिरिट, लीडरशिप, आत्मविश्वास का प्रतीक है। पद्मश्री पुरस्कार विजेता दुर्गाबाई व्याम ने जनजातीय गोंडी भित्ति पेंटिंग को प्रस्तुत किया। इसमें पेड़, धरती, प्रकृति को कैसे जीवित रखा जाए यह दिखाया गया। कार्यक्रम का समापन पं. उमेश कंपूवाले के भारतीय शास्त्रीय संगीत के गायन से हुआ। इस मौके पर अधिष्ठाता डा. एसके द्विवेदी, डा. अमिता खरे, शैलेन्द्र भट्ट, डा. केशव सिंह गुर्जर, एल्कवान किम, सुरेंद्र सिंह, वाटो, यांगशुंग मौजूद रहे। रविवार को भी कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू हो कर शाम 5:30 तक चलेगा। ़1ि200 साल पुरानी कूफी फातिमा का प्रतिरूप : गुजरात से आए कलाकार यूसुफ गौरी ने 1200 वर्ष पुरानी स्कि्रप्ट जिसे हजरत इमाम हुसैन(पैगंबर मोहम्मद के नवासे) ने बनाया था। इसके 450 साल पुराने आर्ट का प्रतिरूप बनाया है। यूसुफ ने बताया कि इस आर्ट का नाम कुफी फातिमा है और इस पर कैलीग्राफी से कुरान की आयात में दिया गया संदेश लिखा है। इसको बनाते समय खास हर्बल रंगों का प्रयोग किया गया है साथ ही कागज भी उसी प्रकार का प्रयोग किया है।
किडनी ने छोड़ा साथ, पर हौसले आज भी बुलंद
23 वर्षो से लगातार कला को अपना साथी मानने वाले हरिकृष्ण कदम भी इस आर्ट समिट में शामिल हैं। इनकी पेंटिंग को पूरा होने में अभी लगभग दो दिन का समय और लगेगा। आपको बता दें कि 2005 में कदम नाम गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में शुमार हो चुका है। 2019 में उनकी दोनों किडनी खराब हो गईं, 25 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद वह ठीक होकर घर आए और वर्तमान में वह डायलिसिस पर हैं। वह बताते हैं कि उन्होंने कभी हौसला नहीं हारा, हमेशा पेंटिंग को जारी रखा।
छह फीट ऊंची व 40 फीट लंबी पेंटिंग से दिखाई समाज की दौड़
50 साल का पेंटिंग का अनुभव प्राप्त उदयपुर से आए मोहम्मद असलम हुसैन ने छह फीट ऊंची और 40 फीट लंबी पेंटिंग के जरिए सामाजिक संदेश देने का प्रयास किया। मार्डन आर्ट का शानदार उदाहरण देते हुए एमए हुसैन ने बताया कि वह एमएफ हुसैन से प्रेरित होकर इस क्षेत्र में आए । अलग अलग रंगों का प्रयोग कर घोडे बनाए, जिसमें लाल रंग को उत्साह का प्रतीक माना तो वहीं नीले रंग को आसमान सी विशालता बताया तो पीले रंग से बताया कि इस दौडभाग में अभी हंसी-खुशी भी जिंदा है ।