नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी को आधुनिक तकनीक जीआइएस पर आधारित 132 केवी विद्युत सब स्टेशन (गैस इंसुलेटेड स्विच गियर सब-स्टेशन) तक मोनोपोल लाइन का रूट न बदलना पड़े, इसके लिए उसने अब प्रशासन से सहयोग मांगा है। कंपनी के प्रबंध संचालक का कहना है कि जनता की जमीन पर टावर खड़े करने के लिए प्रशासन के सहयोग की जरूरत है।
एक मामले में आपत्ति आने के बाद ग्वालियर की टीम प्रशासन के संपर्क में है। बाधा को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। दरअसल यह कवायद सिंधिया ट्रस्ट द्वारा माधवनगर के बाहर की जमीन को अपना बताने के बाद शुरू हुई है। उल्लेखनीय है कि इस प्रोजेक्ट को लगातार बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
फूलबाग स्थित चौपाटी के पास शासन ने 132 केवी विद्युत सब स्टेशन निर्माण के लिए जगह का आवंटन किया, लेकिन नगर निगम ने आवंटित भूमि का नामांतरण नहीं किया, जिससे सब स्टेशन का निर्माण अटक गया। वहीं अब मोनोपोल लाइन में सिंधिया ट्रस्ट की आपत्ति बाधक बन गई है। हालांकि मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी प्रोजेक्ट की बाधाओं को जल्द दूर कर काम शुरू करने का दावा कर रही है, लेकिन प्रोजेक्ट पर संकट के बादल छाए हुए हैं।
123 करोड़ के प्रोजेक्ट में 132केवी विद्युत सब स्टेशन के निर्माण कार्य के साथ मोनोपोल टावर खड़े करने का काम मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी को 18 माह में पूरा करना था। प्रोजेक्ट दिसम्बर 2023 में पूरा होना था, लेकिन जमीन का मामला अटका होने के कारण प्रोजेक्ट को 2024 में पूरा होने की उम्मीद नहीं है।
शहर में 39 टावर कंपनी को लगाने थे। इनमें 10 सामान्य व 29 मोनोपोल है। इसमें से 8 सामान्य टावर का काम पूरा हो चुका है। 29 मोनोपोल में से 13 के फाउंडेशन कंप्लीट हो चुके हैं। बांकी 16 मोनोपोल टावरों के फाउंडेशन बनाने का कार्य प्रगति पर है। इसमें 12 फाउंडेशन निजी जमीन के कारण लंबित हैं।
प्रोजेक्ट में जो भी बाधाएं आ रही है उनको दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। पब्लिक की जमीन पर प्रशासन के सहयोग की जरुरत है। इसके लिए हमारी टीम प्रशासन के संपर्क में है।
इंजी सुनील तिवारी, प्रबंध संचालक, मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी जबलपुर