xनईदुनिया प्रतिनिधि,ग्वालियर: शनिवार को नौतपा का आठवां दिन था। मौसम की स्थिति यह है कि पश्चिमी विक्षोभ का असर प्रदेश भर में है। इसके चलते आसमान में बादल छा रहे हैं और तेज धूल भरी हवाएं भी चलीं। ग्वालियर सहित अंचल के कुछ हिस्सों में शाम को सूर्यास्त के बाद बूंदाबांदी हुई तो कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ वर्षा हुई। शहर में 0.2 एमएम वर्षा दर्ज की गई, जिससे वातावरण में ठंडक घुल गई और गर्म हवाओं से थोड़ी राहत मिली। लेकिन दिन में गर्मी रही, उसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि प्रदेश में ग्वालियर और सीधी में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया।
ग्वालियर में दिन के साथ साथ रात का तापमान भी सर्वाधिक रहा। दिन में भले ही आसमान में छाए बादलों ने चिलचिलाती धूप से बचाने का प्रयास किया और दिन के तापमान में 0.1 डिग्री सेल्सियस की कमी ला दी, लेकिन रात में चली गर्म हवा और आसमान में जमा हुए बादलों ने न्यूनतम तापमान में 3.0 डिग्री की बढ़ोत्तरी दर्ज की। मौसम वैज्ञानिक हुकुम सिंह का कहना है कि दो दिन मौसम ऐसा ही रहने वाला है, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के चलते आसमान में बादलों को मिल रही नमी से बूंदाबादी के बार बार आसार बन रहे हैं। रविवार की शाम हुई वर्षा से गर्म हवाओं से हल्की राहत मिलेगी। अगले दो दिन पश्चिमी विक्षोभ का असर रहने वाला है जिससे तापमान स्थिर रहेगा या फिर थोड़ा बहुत कम हो सकता है, लेकिन दो दिन बाद जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ का असर समाप्त होगा तो तापमान एक बार फिर तेजी से बढ़ेगा।
शनिवार की अल सुबह गर्म हवाओं ने सुबह सुबह पारा बढ़ा दिया, जिसके कारण सुबह साढ़े पांच बजे तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा और साढ़े आठ बजे तक 38 डिग्री को पार कर गया। दिन जैसे जैसे आगे बढ़ा पारा भी बढ़ने लगा, लेकिन आसमान में बादलों का आना जाना शुरू हुआ, तो बढ़ रहा तापमान थम गया। दिन का अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि सुबह के समय हवा में नमी 30 फीसद दर्ज की गई जो सामान्य से 10 फीसद कम थी और दोपहर में 27 फीसद नमी दर्ज की गई जो सामान्य रही ।
एक जून शनिवार की शाम को 0.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इससे पहले वर्षा एक जून 2017को 24.1 एमएम दर्ज की गई थी। इसके बाद पिछले आठ साल में कभी ऐसा मौका नहीं आया जब वर्षा एक जून को दर्ज की गई हो, लेकिन इस बार भले ही कम वर्षा हुई पर दर्ज की जा सकी, जो एक रिकार्ड है।
वर्ष वर्षा
2017 24.1
2018 निल
2019 निल
2020 निल
2021 निल
2022 निल
2023 निल
2024 0.2 (वर्षा मिलीमीटर में)
मौसम वैज्ञानिक कहना है कि मानसून केरल से आगे बढ़ रहा है। इधर पश्चिमी विक्षोभ के चलते बूंदाबांदी हो रही है। जिससे हवाओं को मिल रही नमी के कारण राजस्थान से आ रही गर्म हवाओं की रफ्तार थमेगी और हवाओं में ठंडक घुलेगी तो उनकी गर्मी भी कम होगी। इसी तरह से तापमान की रफ्तार भी कम होगी जिससे भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिलना शुरू हो जाएगी। हालांकि दो दिन बाद तापमान बढ़ेगा लेकिन पांच दिन बाद फिर राहत की उम्मीद है।