- मेला आयोजन को लेकर कल होगी क्राइसस मैनेजमेंट की दूसरी बैठक
- मंत्री प्रद्युम्न तोमर बोले 'आयोजन पर बन गई है सहमति, जल्द होगी घोषणा"
- लजीज पकवान बनाने रेस्टारेंट संचालकों ने तैयार कर ली भटी, शुरू हुई दुकानों की रंगाई-पुताई, लगने लगे झूले
ग्वालियर। नईदुनिया प्रतिनिधि। देश-प्रदेश में प्रसिद्धी प्राप्त 114 साल पुराने ग्वालियर व्यापार मेले के आयोजन में भलें इस साल कोरोना के कारण देरी हो गई है। मगर इससे मेले के व्यापारियों के उत्साह में बिल्कुल भी गिरावट नहीं आई है। 30 जनवरी को ग्वालियर आगमन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मेला आयोजन व 50% आरटीओ छूट की घोषणा करेंगे। इस उम्मीद में मेले के व्यापारी दुकानें बुकिंग कराने के लिए मेला प्राधिकरण कार्यालय पर पहुंचने लगे हैं। इसके साथ ही मेला में खान-पान सामग्री बेचने वाले रेस्टारेंट संचालक मेला मैदान में पहुंच चुके हैं। जिन्होंने लजीज पकवान बनाने के लिए भटी आदि भी तैयार कर ली हैं। कई दुकानों पर रंगाई पुताई का काम शुरू हो चुका है। झूला सेक्टर में झूले भी कसे जाने लगे हैं। आटोमोबाइल कारोबारी मेला आयोजन की तिथि व आरटीओ छूट की घोषणा होने के इंतजार में हैं। आटोमोबाइल कारोबारियों का कहना है कि छूट मिलने से न केवल कारोबारियों को लाभ होगा, बल्कि कोरोना के कारण आर्थिक समस्याओं से घिरे लोगों को भी वाहन खरीदी पर छूट मिल जाएगी। आरटीओ छूट को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को दी गई सहमति ने भी कारोबारियों की उम्मीदों को पंख लगा दिए हैं। वहीं मेले की तिथि व अन्य कई अहम घोषणा 23 जनवरी को क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक में हो सकती है। गौरतलब है कि मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजलकर व विधायक आदि 20 जनवरी को हुई क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक में अनुपस्थित रहे। जिसके कारण कोई विशेष चर्चा मेला आयोजन को लेकर नहीं हो सकी थी।
'क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक में व्यापारी संघ को भी करें शामिल"
श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला व्यापारी संघ के पदाधिकारियों ने संभागायुक्त को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा जाहिर की है। व्यापारी संघ ने मांग की है कि वे मेले से जुड़े वास्तविक व्यापारी हैं, बावजूद इसके उन्हें मेला आयोजन को लेकर हुई क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक में शामिल नहीं किया गया। 23 जनवरी को होने वाली बैठक में व्यापारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र भदकारिया, सचिव महेश मुदगल, उपाध्यक्ष अनिल पुनियानी एवं उमेश उप्पल को भी आमंत्रित किया। जिससे कि मेला आयोजन पर व्यवहारिक एवं सार्थक चर्चा हो सके।
-मेले का जल्द शुरू होना बहुत जरूरी है। तमाम व्यापारी दुकान आदि के लिए प्राधिकरण कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। 10 हजार से अधिक परिवारों की रोजी-रोटी मेले से प्रत्यक्ष जुड़ी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, एमएसएमई सकलेचा जब 'मेला जरूर लगेगा" की बात कह चुके हैं। तो फिर कोरोना आदि की दलील देने वाले नेताओं को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, कि वे कितना कोरोना नियमों का पालन कर रहे हैं।
महेंद्र भदकारिया, अध्यक्ष, ग्वालियर व्यापार मेला व्यापारी संघ
-मेला आयोजन की तिथि जल्द घोषित होनी चाहिए, क्योंकि तैयारी में भी 20-25 दिन लगेंगे। यदि बीते बीते 2 साल की तरह आरटीओ छूट मिलती है तो जरूर मेले में सहभागिता निभाएंगे।
हरिकांत समाधिया, मैनेजिंग डायरेक्टर, रायल ग्रुप
-मेला जल्द आयोजित होना चाहिए, क्योंकि मेले में मिलने वाली छूट के कारण कारोबार चरम छू लेता है। मेला आयोजन व आरटीओ छूट की घोषणा होती है, तो हम जरूर मेले में आएंगे।
चरणजीच नागपाल, मैनेजिंग डायरेक्टर, प्रेम मोटर्स
-ग्वालियर व्यापार मेले में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के टैक्स में छूट देने का परीक्षण किया जा रहा है। सरकार से दिशा निर्देश मिलने पर टैक्स में छूट का प्रस्ताव भेजा जाएगा।
अरविंद सक्सेना, अपर आयुक्त परिवहन
-मेला आयोजन के संबंध में 2-3 दिन में घोषणा हो जाएगी। आरटीओ छूट को लेकर सिंधिया जी की मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है। अब बस निर्णय होने को ही है। पूरी उम्मीद है कि मेला लगेगा।
प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऊर्जा मंत्री, मध्यप्रदेश