- शहर के अंदर ये सड़कें अब भी हैं बदहाल, जानें क्या है स्थिति और प्रस्तावित खर्च
Gwalior smart city News:प्रियंक शर्मा . ग्वालियर। शहर में बदहाल पड़ी छह सड़कों को सुधारने के लिए स्मार्ट सिटी कारपोरेशन को जिम्मेदारी सौंपी गई है। नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने इन सड़कों के निर्माण के लिए चर्चा की है कि या तो स्मार्ट सिटी इन्हें तैयार कर दे या फिर निगम को सड़क निर्माण की राशि दे दे। इन सड़कों की मरम्मत में कुल 66.21 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च होने का अनुमान है। स्मार्ट सिटी ने शहर की इन आंतरिक सड़कों की मरम्मत का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है और इस सप्ताह होने वाली बोर्ड आफ डायरेक्टर की बैठक में भी इस पर चर्चा की जाएगी। बैठक में तय किया जाएगा कि स्मार्ट सिटी ही इन सड़कों को तैयार करेगी या फिर नगर निगम।
दरअसल, स्मार्ट सिटी योजना का कार्यकाल जून 2023 तक है। इसकी परियोजनाओं के लिए एक हजार करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत है, लेकिन इसमें से करीब 425 करोड़ रुपये के काम ही अब तक हो पाए हैं। समय बीतने पर यह राशि लैप्स होने की संभावना को देखते हुए इसे अन्य विकास कार्यों में खर्च किया जा सकता है। उधर परिषद के निर्णय के बाद निगम ने भी अन्य विभागों सहित अधिकतर जनकार्य विभाग के मद से महापौर, सभापति और पार्षदों की मौलिक निधि के लिए 39.70 करोड़ रुपये की राशि दी है। इससे सड़कों के निर्माण के लिए राशि कम बची है। इसको देखते हुए शहर की आंतरिक सड़कों के काम स्मार्ट सिटी के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया है। जिन सड़कों को फिलहाल चिन्हित किया गया है, उनमें हजीरा रोड से पड़ाव, नदीगेट, शिंदे की छावनी होते हुए गुरुद्वारा तक, सचिन तेंदुलकर मार्ग से कुलपति बंगला, आयकर कार्यालय, पटेल नगर होते हुए माधवराव सिंधिया मार्ग सिटी सेंटर तक, माधवराव सिंधिया मार्ग से कैलाश विहार मुख्य मार्ग तक, डोंगरपुर में हाइवे से सिरोल चौराहा तक, कलेक्ट्रेट तिराहा से गार्डन पैलेस रेजीडेंसी तक और एमएच चौराहा से बारादरी होते हुए सात नंबर चौराहा तक की सड़क शामिल हैं। इसके लिए प्राथमिक तौर पर तैयार कराए गए एस्टीमेट में 56 करोड़ 11 लाख 57 हजार 77 रुपये का खर्च होने की उम्मीद है। 18 प्रतिशत जीएसटी मिलाकर यह राशि 66 करोड़ 21 लाख 65 हजार 351 रुपये होगी।
खोदकर तैयार की जाएंगी दो सड़कें: यदि स्मार्ट सिटी द्वारा इन सड़कों का निर्माण कराया जाता है, तो दो सड़कों को खोदकर तैयार किया जाएगा। बाकी सड़कों पर सिर्फ डामरीकरण या कुछ हिस्से में ही खोदाई की जरूरत होगी। इसमें आयकर कार्यालय से पटेल नगर मार्ग और कैलाश विहार मुख्य मार्ग को खोदने की आवश्यकता पड़ेगी।
1. हजीरा रोड से पड़ाव- नदीगेट-शिंदे की छावनी-गुरुद्वारा
स्थिति- इस सड़क की लंबाई 2.79 किमी है। वर्तमान में सड़क पर बहुत ज्यादा गढ्डे नहीं हैं, लेकिन बार-बार पैच रिपेयरिंग और डामरीकरण के चलते कई स्थानों पर ऊंची-नीची हो गई है। इससे वाहन चालक हिचकोले खाते हुए निकलते हैं। इस सड़क की मरम्मत में 13 करोड़ 27 लाख दो हजार 849 रुपये का एस्टीमेट बनाया गया है। जीएसटी मिलाकर पर ये राशि 15 करोड़ 65 लाख 89 हजार 362 रुपये होगी।
2. सचिन तेंदुलकर मार्ग से कुलपति बंगला-आयकर कार्यालय-पटेल नगर होते हुए माधवराव सिंधिया मार्ग
स्थिति-1.96 किमी लंबे इस सड़क के इस पैकेज में हर 10 मीटर में गढ्डे हैं। इसके अलावा आयकर कार्यालय से लेकर पटेल नगर तक सड़क पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। यहां नए सिरे से ही सड़क निर्माण की जरूरत है। स्मार्ट सिटी और निगम ने संयुक्त रूप से नौ करोड़ 52 लाख 67 हजार 259 रुपये का एस्टीमेट बनाया है। जीएसटी सहित 11 करोड़ 24 लाख 15 हजार 366 रुपये खर्च किए जाएंगे।
3. माधवराव सिंधिया मार्ग से कैलाश विहार मुख्य मार्ग
स्थिति-इस सड़क पर भी वाहन हिचकोले खाते हुए निकलते हैं, क्योंकि पहले तैयार सड़क कई बार धंसक चुकी है। इसके अलावा सड़क के बीचों-बीच लगे सीवर चेंबर भी कहीं उठे, तो कहीं धंसे हुए हैं। इस सड़क की लंबाई 450 मीटर है और प्राथमिक एस्टीमेट एक करोड़ 65 लाख 26 हजार 649 रुपये का तैयार हुआ है। जीएसटी मिलाकर इस सड़क पर एक करोड़ 95 लाख एक हजार 446 रुपये खर्च होंगे।
4. डोंगरपुर हाईवे से सिरोल चौराहा
स्थिति-यह सड़क भी बदहाल स्थिति में पड़ी हुई है। फोरलेन रोड पर वाहन चालकों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। 3.77 किमी लंबी इस सड़क के निर्माण के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहे हैं। इसके लिए 16 करोड़ 42 लाख 20 हजार 166 रुपये का एस्टीमेट तैयार हुआ है। जीएसटी मिलाकर इस सड़क की मरम्मत में 19 करोड़ 37 लाख 79 हजार 796 रुपये खर्च किए जाएंगे।
5. कलेक्ट्रेट तिराहा से गार्डन पैलेस रेजीडेंसी तक का मार्ग
स्थिति-2.27 किमी लंबी यह रोड भी खराब हालत में है। इस सड़क पर डामरीकरण की आवश्यकता है। हालांकि निगम द्वारा पैच रिपेयरिंग कराई गई थी, लेकिन वह नाकाफी है। इसको देखते हुए इस सड़क की मरम्मत के लिए नौ करोड़ 54 लाख 36 हजार 234 रुपये और जीएसटी मिलाकर 11 करोड़ 26 लाख 14 हजार 757 रुपये का एस्टीमेट तैयार किया गया है। इस रा.िश से सड़क को सुधारा जाएगा।
6. एमएच चौराहा से बारादरी होते हुए सात नंबर चौराहा़स्थिति-2.23 किमी लंबी यह सड़क कई जगह से उखड़ चुकी है। यहां डामरीकरण कार्य कराना जरूरी है। स्मार्ट सिटी और नगर निगम के अमले ने संयुक्त रूप से निरीक्षण करने के बाद पांच करोड़ 70 लाख तीन हजार 920 रुपये का एस्टीमेट बनाया है। जीएसटी सहित इस सड़क की मरम्मत के लिए छह करोड़ 72 लाख 64 हजार 625 रुपये की राशि का प्रस्ताव बनाया गया है। इसे बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा।
शहर की छह आंतरिक सड़कों को सुधारने के लिए स्मार्ट सिटी की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। हमने शासन स्तर पर भी प्रस्ताव भेजा है। बोर्ड की बैठक में तय किया जाएगा कि इन सड़कों को स्मार्ट सिटी बनाएगी या फिर निगम को राशि दी जाएगी।
नीतू माथुर, सीइओ स्मार्ट सिटी