Gwalior RTO News: कोरोनाकाल में नहीं चली बसें, परमिट सरेंडर के मामलों के निराकरण के लिए बनाई कमेटी
कोविड कर्फ्यू के दौरान आपरेटरों ने बसें नहीं चलाई थी और परमिट सरेंडर कर दिए थे। इनके आवेदनों का 18 जुलाई तक निराकरण करना होगा।
By anil.tomar
Edited By: anil.tomar
Publish Date: Fri, 16 Jul 2021 06:45:00 AM (IST)
Updated Date: Fri, 16 Jul 2021 06:45:42 AM (IST)
Gwalior RTO News: ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। परिवहन आयुक्त मुकेश कुमार जैन ने के व ओ फार्म के निराकरण के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी है। कोविड कर्फ्यू के दौरान आपरेटरों ने बसें नहीं चलाई थी और परमिट विभाग में सरेंडर कर दिए थे। के व ओ फार्म पर 3 हजार परमिट सरेंडर हुए थे। इनके आवेदनों का 18 जुलाई तक निराकरण करना होगा। कर्फ्यू के दौरान बसें खड़ी रही थी, जिससे अापरेटरों को भारी नुकसान हुआ था।
प्रदेश में कोविड संक्रमण बढ़ने पर चार राज्यों जाने वाली बसों के संचालन पर रोक लगा दी थी। साथ ही कलेक्टरों ने स्थानीय रूटों पर चलने वाली बसें भी रोक दी थी। लंबे समय तक बसें खड़ी रही। आपरेटरों ने कोविड-19 के कर्फ्यू के दौरान जितने दिन बस खड़ी रही, उस दौरान का टैक्स माफ करने की मांग विभाग से की। विभाग ने परमिट सरेंडर करने के लिए के व ओ फार्म जमा जारी कर दिए। जिन लोगों ने ओ फार्म के साथ परमिट सरेंडर किया था, उन्हें एडवांस टैक्स जमा करना पड़ा। जिन्होंने एडवांस टैक्स जमा नहीं किया उन्होंने के फार्म जमा किया। के फार्म 30 जून तक जमा किए गए।आपरेटरों ने बस नहीं चलने की सूचना इसी फार्म पर दी और परमिट भी सरेंडर किए। इन आवेदनों का निराकरण नहीं हो सका है। इसके चलते आयुक्त ने कमेटी बनाई है। इस कमेटी में उप परिवहन आयुक्त इंदौर सपना अनुराग जैन, उप परिवहन आयुक्त ग्वालियर-चंबल संभाग एके संयुक्त परिवहन आयुक्त वित्त एलएन सुमन को शामिल किया गया है। इस कमेटी को18 जुलाई तक फार्मों का निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।