Gwalior Police News: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। थानों में कई बार मूकबधिर पीड़िताएं आती हैं। पुलिस इनकी पीड़ा समझ नहीं पाती, इसके चलते साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट को बुलाना होता है। कई बार साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट न मिलने पर पुलिस पीड़िताओं की बात ही नहीं समझ पाती।
यही वजह है- अब महिला पुलिसकर्मी साइन लैंग्वेज भी सीख रही हैं। गुरुवार से इसकी शुरुआत हुई है। पहले दिन पुलिस कंट्रोल रूम में साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट ने साइन लैंग्वेज की बेसिक जानकारी महिला पुलिस अधिकारी और महिला पुलिसकर्मियों को दी। पहले दिन बताया गया, आखिर किस तरह पूरी साइन लैंग्वेज सीखे बिना, पीड़िताओं की बात को कुछ बेसिक जानकारी के जरिये समझा जा सकता है।
यह शुरुआत एसएसपी राजेश सिंह चंदेल की पहल पर हुई है। एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने महिला पुलिस अधिकारियों एवं ऊर्जा डेस्क के स्टाफ को निर्देशित किया है, थाने में आने वाली महिला फरियादिया से बात करने से लेकर उसकी पूरी बात समझने के लिए पुलिसिंग टेक्निकल स्किल्स को बढ़ाया जाए। इसी के चलते यह ट्रेनिंग करवाई जा रही है। एसएसपी चंदेल, आइपीएस विनीता डागर, डीएसपी हिना खान, एसडीओपी संतोष पटेल सहित अन्य महिला पुलिसकर्मियों ने साइन लैंग्वेज के बारे में जाना। साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट अंकुश गुप्ता ने यहां बेसिक जानकारी दी। इसके अलावा एसएसपी चंदेल ने कुछ टिप्स दिए, जिससे महिला, युवतियों में पुलिस की छवि सुधरे।
- महिला अपराधों के प्रति इंटरनेट मीडिया के माध्यम से बेटियों को जागरुक करने अभियान चलाया जाएगा।
- ग्रुप बनाकर महिला, युवतियों को कानूनी सहायता के बारे में संवाद के जरिये जानकारी दी जाएगी।
- खेल-कूद गतिविधि में शामिल होकर महिला पुलिस अधिकारी, महिला पुलिसकर्मियों को छात्राओं से बेहतर संवाद स्थपित करने के निर्देश एसएसपी ने दिए। जिससे कई बार छात्राएं जो परेशानी किसी से साझा नहीं करती, उस बारे में बात करें।
- आत्मरक्षा के गुर सीखने के लिए बेटियों को जागरुक करने अभियान चलाया जाएगा।
- वीडियो, पोस्टर, पेंपलेट के जरिये महिला, युवतियों को महिला अपराध से बचने के बारे में जानकारी और निर्भया मोबाइल के हेल्पलाइन नंबर 7049110252 के बारे में जानकारी दी जाएगी।