Gwalior News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मतांतरण कर ईसाई मत अपनाने वाले बेटे डेविड ने अपनी मां सरोज देवी का हिंदू (सनातन) धर्म पद्घति से अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया। बेटा ईसाई मत के अनुसार शव को कब्रिस्तान में दफनाना चाहता था। नातिन (बेटी की बेटी) श्वेता सुमन ने 1100 किमी दूर झारखंड से आकर नानी के शव को गुरुवार को अपनी सुपुर्दगी में लिया। उसके बाद नातिन ने लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में नानी के शव का हिन्दू रीति रिवाज से शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया। नातिन ने नानी की मौत व मतांतरण करने के लिए उनके मामा द्वारा दबाव डालने के मामले की जांच कराने के लिए एसपी को भी आवेदन दिया है।
सिटी सेंटर निवासी धर्म प्रताप सिंह ने मतांतरण कर अपना नाम डेविड रख लिया है। दो जून को डेविड की मां सरोज देवी का निधन हो गया। बेटा ईसाई मत के अनुसार मां के शव को दफनाना चाहता था। जिसका नातिन श्वेता सुमन ने विरोध किया। नातिन का कहना है कि उनकी नानी ने अंतिम सांस तक अपना मतांतरण नहीं किया है। इसलिए उनके शव का अंतिम संस्कार सनातन धर्म की पद्घति से किया जाए। इस संबंध में कलेक्टर से भी अनुरोध किया। नातिन ने हिंदू जागरण मंच के लोगों को बताया कि मामा डेविड ने हम लोगों को कभी अपने घर का पता नहीं बताया। नानी से भी मोबाइल पर कम बात कराते थे। नानी का हालचाल जानने के लिए काल करने पर उनके हाथ से मोबाइल फोन छीन लेते थे।
झारखंड से आई नातिन, मामा को समझाने का प्रयास कियाः नातिन श्वेता सुमन 1100 किलोमीटर का सफर तय कर गुरुवार को ग्वालियर आई। उसके बाद नानी का अंतिम संस्कार हिंदू धर्म की पद्घति से करने के लिए मामा डेविड को समझाने का प्रयास किया। डेविड ने मां को मुखाग्नि देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद नातिन ने नानी का शव अपनी सुपुर्दगी में लेकर शक्रवार को लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया।
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मतांतरण के संबंध में शिकायत आई है। इसकी जांच एडीशनल एसपी हितिका वासल द्वारा की जा रही है।
अमित सांघी, एसपी