नप्र,ग्वालियर: गैरकानूनी तरीके से भारत में घुसे विदेशी अहमद अलमक्की की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए विदेशी युवक की पहचान किए जाने के संभव प्रयास करने की बात पर गंभीरता जताई। दरअसल अल मक्की ने खुद को सऊदी नागरिक बताते हुए अपने देश पहुंचाने की मांग की है।
हाई कोर्ट ने इस मामले में निर्देश देते हुए कहा कि दिल्ली में मौजूद बांग्लादेश और सऊदी अरब के दूतावास को भी पार्टी बनाया जाए। इस निर्देश के साथ दोनों दूतावास को नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं। दरअसल, अलमक्की को पड़ाव पुलिस ने स्टेशन बजरिया से 21 सितंबर 2014 को गिरफ्तार किया था। सजा पूरी होने के लगभग दो साल बाद भी अल मक्की डिटेंशन सेंटर में है। अलमक्की ने स्वयं को सऊदी अरब का निवासी बताया और देश वापस भेजने की गुहार लगाई है।
21 सितंबर 2014 को स्टेशन बजरिया में बांग्लादेश पासपोर्ट पर सिम खरीदने के प्रयास में अहमद अलमक्की को पड़ाव पुलिस ने पकड़ा था। उसके पास से बांग्लादेश का पासपोर्ट, सऊदी अरब का ड्राइविंग लाइसेंस मिला था। इसके बाद पुलिस ने उसे पासपोर्ट एक्ट, घुसपैठ करने पर केस दर्ज कर कोर्ट में पेश किया था। यहां से 37 महीने की सजा हुई। सजा पूरी करने के बाद वह 23 अक्टूबर 2017 को रिहा हुआ था।
पकड़े जाने के बाद पुलिस युवक को डिटेन कर रही थी। 12 जून 2018 को महलगांव मस्जिद से लौटते में पड़ाव थाना क्षेत्र के एलआइसी तिराहा पर आरक्षक विजय शंकर को चकमा देकर भाग गया था। ग्वालियर से भागा घुसैपठिया अहमद अलमक्की हैदराबाद जा पहुंचा था। ग्वालियर की पड़ाव थाना पुलिस ने उसे हैदराबाद में सायबराबाद कमिश्नरेट के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र से दोस्त इस्माइल के घर से पकड़ा था।