Gwalior News: अचलेश्वर मंदिर के द्वार के लिये आये पत्थर पर उल्टा स्वस्तिक चिह्न
Gwalior News: कान्ट्रेक्टर जगदीश मित्तल के अनुसार एक पत्थर पर स्वस्तिक बनाने में चूक हुई है। गलती पकड़ में आने के बाद मुख्य द्वार के लिये दूसरा पत्थर मंगाया जा रहा है।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Wed, 27 Sep 2023 11:44:55 AM (IST)
Updated Date: Wed, 27 Sep 2023 01:40:45 PM (IST)
HighLights
- अचलेश्वर मंदिर के गर्भगृह के निर्माण कार्य ने गति पकड़ी है।
- पत्थर लगने से पहले ही एक बड़ी चूक को श्रद्धालुओं ने पकड़ा है।
- एक पत्थर पर स्वस्तिक उल्टा बना हुआ है।
Gwalior News: ग्वालियर, (नईदुनिया प्रतिनिधि)। अचलेश्वर मंदिर के गर्भगृह के निर्माण कार्य ने गति पकड़ी है। मुख्य दरवाजों के लिये तराशे गये पत्थर भी आ गये हैं। इन पत्थरों को लगाने की तैयारी की जा रही थी। यह पत्थर राजस्थान से तराशकर मंगवाये गये हैं। पत्थर लगने से पहले ही एक बड़ी चूक को श्रद्धालुओं ने पकड़ा है। एक पत्थर पर स्वस्तिक उल्टा बना हुआ है।
कान्ट्रेक्टर ने मानी चूक
सनातन धर्म में उल्टे स्वस्तिक को शुभ नहीं माना जाता है। कान्ट्रेक्टर जगदीश मित्तल ने बताया कि एक पत्थर पर स्वस्तिक चिह्न बनाने में चूक हुई है। गलती पकड़ में आने के बाद मुख्य द्वार के लिये दूसरा पत्थर मंगाया जा रहा है।
दो महीने से युद्धस्तर पर कार्य
अचलेश्वर मंदिर के निर्माण के लिये पिछले दो महीने से युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। मंदिर के चारों तरफ तीन फीट की जाली लगाने के बाद चारों मुख्य द्वारों के लिये तराशे गये पत्थर राजस्थान से मंगाये गये हैं। यह पत्थर सोमवार की रात को ही मंदिर पहुंचे हैं। इन पत्थरों पर दोनों तरफ शुभ स्वस्तिक चिह्न के साथ मध्य में फूल हैं।
एक श्रद्धालु की नजर पड़ी
रात में पत्थर उतरते समय एक श्रद्धालु की नजर स्वस्तिक चिह्न पर पड़ी जो कि उल्टा बना हुआ था। उल्टे स्वस्तिक का चिन्ह नजर आने पर इसकी सूचना समिति ने कान्ट्रेक्टर को दी। कान्ट्रेक्टर ने स्वीकार किया कि पत्थर तराशने वाले से स्वस्तिक चिह्न बनाने में चूक हुई है। इस चिन्ह को सीधा कराने का प्रयास करने की बजाये पत्थर ही बदलकर दूसरा मंगाया जा रहा है।