Gwalior Jain Samaj News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। माधाैगंज में साधनमय पावन वर्षा योग समिति व मुख्य सहयोगी संस्था पुलक मंच परिवार ग्वालियर के तत्वावधान में मुनिश्री 108 विनय सागर महाराज ससंघ के चार माह चातुर्मास में विराजित होने के लिए भगवान जिनेंद्र की शोभायात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली गई। यह शाेभायात्रा माधाैगंज स्थित चितेरा ओली जैन मंदिर से शुरू हाेकर चातुर्मास अशियाना भवन तक पहुंची। शोभायात्रा से पहले मुनिश्री ने अपने हाथों से केशलोचन किया।
प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि शोभायात्रा में महिलाओं ने मंगल कलश से भगवान जिनेंद्र की अगवानी नृत्य करते हुए की। पुरुषों का समूह कंधे पर पालकी पर विराजित भगवान जिनेंद्र को लेकर चल रहा था। साथ ही जयकारे लगाए जा रहे थे। भगवान जिनेंद्र की आरती एवं मुनिश्री के पाद प्रक्षालन जगह-जगह जैन समाज के लोगों ने किया।
मुनिश्री ने मंत्रों से भगवान जिनेंद्र का अभिषेक एवं वृहद शांतिधारा कराईः मुनिश्री के सानिध्य में विधानाचार्य विजय कुमार शास्त्री आगरा ने मंत्र उच्चारण के साथ पीले वस्त्रों में भगवान जिनेंद्र का प्रथम कलश से जलाभिषेक सोहनलाल, मनोज जैन सहित इंद्रों ने जयकारों के साथ किया। वहीं मुनिश्री ने अपने मंत्रों से भगवान जिनेंद्र की वृहद शांतिधारा सचिन जैन निवासी गुड़गांव परिवार ने की। अभिषेक के के बाद श्रध्दालुओं ने संगीतकार शुभम जैन सैमी के भजनों पर भगवान जिनेंद्र की दीपों से महाआरती की। मुनिश्री के पाद प्रक्षालन राजेश जैन लाला ने किया एवं शास्त्र भेंट विजय कुमार, अजय जैन परिवार ने किए।
मुनिश्री ने हाथों से किया केशलोचन, रखा उपवासः चातुर्मास स्थल पर मुनिश्री विनय सागर महाराज ने अपने सिर और दाढ़ी के बालों को अपने हाथो की कैंची बनाकर उखाड़े। मुनिश्री का केशलाेचन सुबह 6 बजे से शुरू होकर सुबह 8 बजे तक हुआ। मुनिश्री को अपने हाथों से केशलोचन करते देख भक्तों की आंखें नम हो गईं। मुनिश्री के केशलोचन करने में सहयोग ब्रह्मचारी भैया अभिनंदन ने किया। जिस दिन मुनिश्री केशलोचन करते हैं, उस दिन उपवास पर रहते हैं। वैसे जैन मुनि 24 घटें में एक बार भोजन करते हैं।
शरीर श्वांस से चलता है, पर जीवन आत्मविश्वास से आगे बढ़ता हैः मुनिश्री विनय सागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि शरीर श्वांस से चलता है, पर जीवन आत्मविश्वास से आगे बढ़ता है। इसलिए अपने आत्मविश्वास को, मन की शक्ति को हमेशा सुरक्षित रखें। किस्मत के बंद तालों को खोलना है तो उसका पहला मंत्र है कि जीवन में हमेशा सकारात्मक नजरिया रखें। दूसरा ये कि आप क्या और कैसा बनना चाहते हैं, लक्ष्य निर्धारित करें, तीसरा- लक्ष्य प्राप्ति की योजना तैयार करें, चौथा- हां मैं यह कर सकता हूं, अपने भीतर ऐसा आत्मविश्वास जगाएं और अंतिम मंत्र है- लगन के साथ लगातार पुरूषार्थ करते रहें। अपने भीतर लक्ष्य प्राप्ति का जज्बा पैदा करें और अपने नजरिए को हमेशा सकारात्मक बनाए रखें। मुनिश्री के सानिध्य में 26 जुलाई मंगलवार को महामृत्युंजय कल्याण मंदिर विधान सुबह 6:30 बजे से आयोजित होगा।