Gwalior Illegal Colony News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अवैध कालोनियों के निर्माण को रोकने के लिए कलेक्टर व निगमायुक्त को जिम्मेदारी दी है। एंटी माफिया अभियान के तहत प्रदेशभर में कार्रवाई चल रही है, लेकिन नगर निगम ने अभी तक अवैध कालोनी वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। जबकि शहर के अधिकांश हिस्सों में इन दिनों अवैध कालोनियां काटी जा रही हैं। निगम ने कार्रवाई के नाम पर मात्र सात कालोनियों को नोटिस दिए और छह कालोनियों में तुड़ाई की कार्रवाई की है। जबकि शहर में इन दिनों एक सैकड़ा से अधिक अवैध कालोनियां काटी जा रही हैं।
शहर के अंदर करीब 500 से अधिक अवैध कालोनियां दर्ज हैं। इन कालोनियों को बनाते समय कालोनाइजर किसान से जमीन का एग्रीमेंट करते हैं और जमीन पर भूखंड बेच देते हैं। इसमें भूखंड खरीदने वाले लोगों की रजिस्ट्री भी किसान ही करता है। इसके कारण कभी भी कालोनाइजर शासन की पकड़ में नहीं आ पाते हैं। वहीं किसान भी जमीन बेचकर चला जाता है, बाद में भूखंड खरीदने वाले लोग परेशान होते हैं। इसके साथ ही अवैध कालोनी होने के कारण नगर निगम से मकान बनाने की परमिशन भी नहीं मिलती है, ऐसे में यहां पर अवैध मकानों का निर्माण हो जाता है।
यह है कालोनियों को वैध कराने की प्रक्रियाः कालोनी को वैध कराने में कालोनाइजर का रजिस्ट्रेशन लगाना होता है। साथ ही जमीन की रजिस्ट्री, संपत्तिकर की रसीद, नामांकन, डायवर्सन, सीमांकन, नजूल की एनओसी, टीएनसीपी की परमिशन निगम में जमा की जाती है। इसके बाद कालोनी विकास अनुज्ञा 25 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर जमा होती है। इसके साथ ही आश्रय शुल्क 100 रुपये स्क्वायर मीटर, बाहरी विकास शुल्क 50 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर, जमा करना होता है। इसके साथ ही 10 प्रतिशत भूखंड नगर निगम में बंधक रखे जाते हैं। यह भूखंड इसलिए बंधक रखते हैं कहीं कालोनाइजर विकास कार्य पूर्ण किए बिना चला जाता है तो इन भूखंडों को बेचकर विकास किया जा सके। जबकि अवैध कालोनी में ना तो पार्क की व्यवस्था की जाती है और ना ही ठीक से सीवर लाइन, पानी की लाइन डाली जाती है। सड़कों की चौड़ाई भी कम होती है। विकास कार्य भी काफी घटिया स्तर के होते हैं।
अवैध कालोनियों में नेता कराते हैं विकास कार्यः अवैध कालोनी काटने के बाद नगर निगम में पार्षद व विधायक आदि अधिकारियों पर दबाव बनाकर अपनी मौलिक निधि से विकास कार्य कराते हैं। इससे निगम को नुकसान होता है, जबकि कालोनाइजर मोटी कमाई करने के बाद गायब हो जाता है।
यहां पर कट रहीं अवैध कालोनियांः गिरवाई, तिघरा रोड, चिरवाई, लालटिपारा गोशाला के पास, मुरार, सिरौल, ट्रिपल आइटीएम के पास, सागरताल रोड, बड़ागांव, खुरैरी, महाराजपुरा, शताब्दीपुरम के पास, वीरपुर, पुरानी छावनी में भी कई क्षेत्रों में अवैध कालोनियों को काटा जा रहा है।
कलेक्टर ने बनाई कमेटी, नहीं हुई कार्रवाईः अवैध कालोनियों पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर ने डेढ़ महीने पर कमेटी बनाई थी, इसमें एसडीएम, तहसीलदार, नगर निगम के भवन अधिकारी, कालोनी सेल, सहायक सिटी प्लानर व सिटी प्लानर शामिल थे। इस कमेटी को अवैध कालोनियों के बारे में रिपोर्ट पेश करनी थी, लेकिन आज तक कलेक्टर को रिपोर्ट पेश नहीं की गई।
यह बनाए थे तीन नियमः कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश जारी किया था इसमें तीन नियम अवैध कॉलोनियों के लिए बनाए हैं। अवैध कॉलोनी बसाने वाले कॉलोनाइजर पर एफआइआर कराई जाएगी और उसकी निजी संपत्ति से पैसा लेकर कॉलोनी का विकास कराया जाएगा। अगर अवैध कॉलोनी बसना शुरू हो रही है तो बने मकानों को छोड़कर या पूरी कॉलोनी के प्लॉट नगर निगम अटैच कर लेगा। उस सर्वे नंबर के खसरे के कॉलम नंबर तीन में नगरीय सीमा में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत का नाम लिखवा दिया जाएगा। इससे रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी और अवैध कॉलोनाइजर काम नहीं कर पाएगा।
अवैध कालोनी काटने पर हो सकती है सात साल की सजाः नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने अवैध कालोनियों की बसाहट काे रोकने लिए 15 फरवरी 2021 को आदेश जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि भवन अधिकारी व भवन निरीक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में अवैध कालोनियों को रोकें और कार्रवाई करें। उन्होंने आदेश में लिखा था कि अवैध कालोनी काटना और अवैध कालोनी काटने में सहयोग करने वाले पर नियम 292 (सी) 292 (डी) 292 (डीए) 292 जी धाराओं के तहत तीन से सात साल की सजा का प्रविधान है।
निगम प्रशासक आशीष सक्सेना से सीधी बातः
प्रश्न: शहर में अवैध कालोनियां कट रही हैं लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं हो रही है?
उत्तर: अवैध कालोनियों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
प्रश्न: कलेक्टर ने दल गठित किया था, लेकिन अभी तक नगर निगम एवं जिला प्रशासन ने अवैध कालोनियाें की रिपोर्ट नहीं दी है?
उत्तर: मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है, मैं कलेक्टर से बात कर रिपोर्ट लूंगा।
प्रश्न: जीडीए के भूखंड पर काटी जा रही 7 कालोनियों पर कार्रवाई करनी थी, लेकिन 6 पर ही हुई है?
उत्तर: जल्द ही बची हुई कालोनी पर भी कार्रवाई की जाएगी।