Gwalior Health News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। नर्सिंग कालेज के अस्पताल कागजों में संचालित मिले हैं। प्रशासन के आदेश पर जब स्वास्थ्य विभाग ने हकीकत देखी तो दंग रह गए, क्योंकि जिस भवन में अस्पताल बताया गया वहां पर कुछ भी नहीं मिला। कुछ अस्पताल में केवल एक हाल में चंद पलंग ही पड़े मिले। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि ऐसे नर्सिग कालेज जिनके पास अस्पताल कागजों में चल रहे हैं उनकी मान्यता रद की जाएगी। इसके अलावा जिन भवन में नर्सिग कॉलेज या अस्पताल बताए गए हैं, वहां पर भवन संबंधी गड़बड़ी मिलने पर उन्हें जमींदोज किया जाएगा।
काेराेना की तीसरी लहर की आशंका काे देखते हुए प्रशासन तैयारियाें में जुटा हुआ है। इसके चलते नर्सिंग कालेजाें से संबंद्ध अस्पतालाें का निरीक्षण किया जा रहा है। जिससे जिन अस्पतालाें में व्यवस्था हाे उनका जरुरत पड़ने पर उपयाेग किया जा सके। वहीं जिन अस्पतालाेंं में कुछ कमियां हैंं,उनकाे समय रहते दूर किया जा सके। इन निरीक्षणाें के दाैरान नर्सिंग कालेजाें द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े का भी खुलासा हाे रहा है।
यह मिली स्थिति: शुक्रवार को डा.अशोक खरे दल-बल के साथ अस्पताल रोड पर स्थित आरोग्य पैथ कलेक्शन सेंटर पहुंचे जो बिना पंजीयन के संचालित मिला। इसे सील किया गया। गालव अस्पताल में स्टोर में पलंग रखे थे और यहां अस्पताल जैसी कोई व्यवस्थाएं नहीं मिली। खास बात यह है कि जिस भवन में गालव अस्पताल कागजों में संचालित था, वहीं एमएलबी अस्पताल भी संचालित पाया गया। मुरार में जिस पते पर सदभावना अस्पताल दर्ज था वहां अस्पताल ही नहीं मिला। बड़ागांव स्थित पीएस अस्पताल में 60 पलंग रखे मिले। इसी तरह से धनेली में रविंद्र मेमोरियल अस्पताल में 20 पलंग रखे मिले, आनंद अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर में 44 पलंग मिले। खास बात यह है कि इन स्थानों पर डाक्टर, मरीज व स्टाफ कुछ नहीं था।
भवन एक अस्पताल दो: मुरार में स्थित एसएस अस्पताल जिस भवन में संचालित मिला, उसी भवन में जीवन ज्योति अस्पताल का भी बोर्ड लगा हुआ था। दोनों ही अस्पताल मिलाकर 300 बेड का फर्जी तरीके से कागजों में अस्पताल संचालित करते पाए गए। अस्पताल में बोर्ड व चंद पलंग के अलावा न डाक्टर, मरीज व स्टाफ और साधन सहित कुछ भी नहीं मिला।