महाराजपुरा में 140 एकड़ भूमि में प्रस्तावित लैब का राष्ट्रपति मुर्मु ने किया था भूमिपूजन
Gwalior DRDE lab News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना डीआरडीई की नई एवं देश की दूसरी सबसे बड़ी लैब के काम में अड़ंगा लग गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हाल ही में महाराजपुरा क्षेत्र में 140 एकड़ में प्रस्तावित लैब का वर्चुअल भूमिपूजन किया था। नवीन स्थल पर लैबोरेटरी का काम जारी है, जहां मौके पर स्थानीय लोगों व कुछ संगठनों की ओर से अवरोध पैदा किया जा रहा है। भोपाल से रक्षा संपदा अधिकारी की ओर से ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को पत्र लिखकर डीआरडीई की नई लैब स्थल की भूमि का पुन: सीमांकन किए जाने के लिए पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है कि जल्द यह काम हो, जिससे निर्माण कार्य समय पर पूर्ण हो सके।
यहां बता दें कि यह देश की दूसरी और रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत पहली प्रयोगशाला होगी, जिसमें खतरनाक सूक्ष्मजीवों पर अनुसंधान कार्य संभव होगा और भविष्य में होने वाली आपदाओं का सामना प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा। वर्ष 2026 तक यह प्रयोगशाला बनकर तैयार हो जाएगी और इसमें अनुसंधान कार्य आरंभ हो जाएंगे। वर्तमान में देश में इकलौती लैब पुणे में है। वर्तमान में डीआरडीई की लैब सिटी सेंटर में स्थित है जिसके 200 मीटर के दायरे में निर्माण प्रतिबंधित था। रक्षा मंत्रालय के इसी नियम के आधार पर यहां दस हजार करोड़ की संपत्तियां खतरे में आ गईं थीं। मामला हाई कोर्ट में पहुंचा तो अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए। इसके बाद माननीयों ने लैब शिफ्टिंग को लेकर पत्र लिखकर अनुरोध किए। हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई और सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे कर दिया। इसके बाद शासन स्तर पर डीआरडीई की नई लैब के लिए महाराजपुरा में जमीन आवंटित हुई।
रक्षा संपदा भोपाल से आया पत्र- दोबारा कराया जाए सीमांकन
रक्षा संपदा अधिकारी की ओर से ग्वालियर कलेक्टर को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि डीआरडीई ग्वालियर के पत्र से यह ज्ञात हुआ कि उक्त भूमि पर डीआरडीई द्वारा नवनिर्माण कराया जा रहा है। इस निर्माण कार्य में कुछ स्थानीय लोगों व संगठन द्वारा अवरोध पैदा किया जा रहा है। डीआरडीई ग्वालियर द्वारा आग्रह किया गया है कि उक्त भूमि का दोबारा सीमांकन कराया जाए, जिससे इस अवरोध का समाधान हो सके। इसी कारण राजस्व विभाग को शीघ्र संयुक्त सीमांकन के लिए आदेश जारी करने का कष्ट करें व कार्यालय को उचित समय पर अवगत कराया जाए।