Gwalior Court News: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने हिंदू मैरिज एक्ट के प्रकरण में कोर्ट में 37 लाख रुपए लेने बाद गायब होने वाली राधा (परिवर्तित नाम) के विरूद्ध न्यायालय में संज्ञान लेकर 420 द.प्र.सं. (छल-कपट) करने का अपराध पंजीबद्ध किया गया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश परिवाद में महिला के पति केशव(परिवर्तित नाम) ने बताया कि उसकी पत्नी ने उससे कोर्ट के सामने पैसे भी ले लिए और उसे तलाक भी नहीं दिया। महिला के ऊपर धाेखा धडी का आरोप लगाते हुए केशव ने कोर्ट में परिवाद पेश किया।
बता दें कि राधा और उसके पति के बीच 13बी हिन्दू विवाह अधिनियम के प्रकरण में तलाक का केस चल रहा था । केस में सेटलमेंट के लिए महिला ने कुटुम्ब न्यायालय के समक्ष 30 लाख रुपये अपने कथन के समय और 7 लाख रुपये कूलिंग पीरियड के आवेदन प्रस्तुत करने के समय चैक द्वारा प्राप्त कर लिये गए। जब उसकी आगामी तारीख पर महिला न्यायालय के समक्ष उपस्थित नही हुयी और उसके बाद उसके अभिभाषक भी न्यायालय में उपस्थित नही हुये तो न्यायालय द्वारा रजिस्टर्ड नोटिस महिला को भेजा गया, इसके बाद भी वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुई। ऐसा दो तीन तारीखों में होने के बाद न्यायालय ने उनके तलाक के केस को खारिज कर दिया। वहीं उनके पति के अभिभाषक डी.आर. श्रीवास्तव ने परिवाद लगाया जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मामला पंजीबद्घ कर राधा को आरोपित बनाया है।
जेयू से संबद्घता प्राप्त झुंडपुरा कालेज के मामले में शिकायतकर्ता अरुण शर्मा को शुक्रवार को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया गया। अरुण ने लोकायुक्त के आफिस में लिखित बयान दर्ज करवाए , जिसमें जेयू से संबद्घता प्राप्त शिवशक्ति कालेज के वजूद में न होने की बात के साथ जेयू की संबद्घता प्रणाली पर तमाम सवाल खडे किए हैं। अरुण का आरोप है कि उसका नाम शिवशक्ति कालेज में बतौर प्राचार्य उपयोग किया जा रहा है । जबकि इस नाम का कोई कालेज उस गांव में है ही नहीं। पूरे फर्जीवाड़े में जेयू के अधिकारियों के लिप्त होने की भी बात सामने आ रही है।