Gwalior Court News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विशेष सत्र न्यायालय ने पीएमटी फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश करने वाले आरटीआइ कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी के दो केस में गवाही के अधिकार खत्म कर दिए हैं। राहुल यादव व गौरव गुप्ता के केस की ट्रायल में आशीष की गवाही नहीं होने की वजह से लंबे समये से सुनवाई थमी थी। नए-नए कारण बताकर हर बार वह गवाही से बच निकलते थे। कोर्ट ने यह कहते हुए अधिकार खत्म किया है कि काफी मौके दिए जा चुके हैं, उसके बाद भी गवाही नहीं दी है। कोर्ट ने राहुल व गौरव के केस में 12 दिसंबर को मुल्जिम बयान दर्ज करने की तारीख तय की है।
आरटीआइ कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी ने पीएमटी कांड में एक बाद एक बड़े खुलासे किए थे। इससे चतुर्वेदी ने खूब वाह वाही लूटी। एसआइटी ने कुछ केसों में चतुर्वेदी को फरियादी बनाया, कुछ केस में वह मुख्य गवाह हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआइ को सुपुर्द हो गई। सीबीआइ को गौरव गुप्ता का केस हस्तांतरित हो गया। इस केस की ट्रायल झांसी रोड थाना पुलिस पूरी करा रही है। आठ साल से इन दोनों केसों की ट्रायल विशेष न्यायालय में लंबित है।
दोनों केस की स्थित़िरिाहुल यादव केस: मप्र शासन बनाम राहुल यादव केस की ट्रायल 2014 में शुरू हुई थी। राहुल पीएमटी कांड के सरगना डा. दीपक यादव का छोटा भाई है। इन्होंने साल्वर बिठाकर पीएमटी पास की थी। भोपाल काउंसिलिंग में शामिल होने से पहले राहुल ने जीआरपी थाना भोपाल में एफआइआर दर्ज कराई कि ट्रेन में सामान चोरी हो गया है, जिसमें उसकी अंकसूची रखी थी, जबकि उसकी सप्लीमेंट्री थी। काउंसलिंग के वक्त उसे 12वीं पास होना चाहिए था। राहुल की सप्लीमेंट्री का पर्दाफाश आशीष चतुर्वेदी ने किया था।़गिौरव गुप्ता केस: मप्र शासन बनाम गौरव गुप्ता केस की ट्रायल भी 2014 से शुरू हुई थी। गौरव ने फर्जी तरीके से पीएमटी पास की थी। इसको पास कराने में दीपक यादव, राहुल उर्फ मोनू, संतोष यादव, सुरेंद्र कुमार वर्मा ने मदद की थी। सभी आरोपितों पर अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया था।