Gwalior Chambal Project News: डीपीआर में उलझा चंबल वाटर प्राेजेक्ट, अब दाे किस्ताें में बनेगी
संभागायुक्त ने बैठक में दिए निर्देश-मुरैना से तिघरा तक चंबल नदी का पानी लाने के लिए दाे किस्ताें में बनाई जाए डीपीआर।
By vikash.pandey
Edited By: vikash.pandey
Publish Date: Fri, 04 Jun 2021 08:44:24 AM (IST)
Updated Date: Fri, 04 Jun 2021 09:17:35 AM (IST)
Gwalior Chambal Project News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। ग्वालियरवासियाें की प्यास बुझाने के लिए चंबल से पानी लाने की याेजना सालाें से केवल कागजाें में ही चल रही है। पहले भी इसकी डीपीआर तैयार हुई, लेकिन प्राेजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। अब फिर से डीपीआर काे लेकर मशक्कत शुरू हाे गई है। मेहता एंड मेहता कंसलटेंसी से काम वापस लेकर अब यह काम ईजीस कंपनी काे दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि नगर निगम में एेसे कई प्राेजेक्ट हैं, जिनकी डीपीआर ताे बनी लेकिन प्राेजेक्ट कभी धरातल पर नहीं आ सके।
मुरैना से तिघरा तक चंबल नदी का पाने लाने के लिए मंथन का दाैर जारी है। बीते राेज संभागायुक्त की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें संभागायुक्त आशीष सक्सेना ने पहली डीपीआर को हटाते हुए ईजीस कंपनी को फिर से दो हिस्सों में डीपीआर बनाने के निर्देश दिए हैं। इसमें पहली डीपीआर मुरैना से आसन नदी तक और दूसरी आसन नदी से तिघरा बांध तक की डीपीआर बनाई जाएगी।
पैसों की कमी से हुआ कूनो प्रोजेक्ट लंबितः कूनो नदी पर 5200 करोड़ की लागत से बनने वाले बांध को लेकर संभागायुक्त आशीष सक्सेना के सामने प्रजेंटेशन दिया गया, लेकिन इस प्रोजेक्ट में पैसों की कमी आड़े आई है। इसके चलते संभागायुक्त ने इस प्रोजेक्ट को अभी लंबित रखने का निर्देश दिया है।
डीपीआर की एेवज में कंपनी लेती है कमीशनः किसी भी निर्माण कार्य काे शुरू करने से पहले डीपीआर तैयार कराई जाती है। जिसमें उसकी लागत आैर निर्माण संबंधित अन्य जरूरी बाताें का उल्लेख हाेता है। इसकी एेवज में अधिकांश कंपनियां प्राेजेक्ट की लागत का एक प्रतिशत कमीशन तक चार्ज करती हैं।