ग्वालियर(नप्र)। उपनगर ग्वालियर के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 15 में सीवर चैंबर जाम होने की कई शिकायतें करने के बावजूद सुनवाई न होने पर भाजपा पार्षद देवेंद्र राठौर चैंबर में उतर गए और स्वयं ही सफाई करने लगे। पार्षद को सीवर चैंबर साफ करते देख स्थानीय लोग एकत्रित हो गए और इसका वीडियो बनाना शुरू कर दिया। स्वयं पार्षद ने भी अपने वीडियो को कई वाट्सएप समूहों में डालकर नगर निगम के अधिकारियों और ठेकेदार पर सुनवाई न करने के आरोप लगाए। मामले की जानकारी मिलते ही नगर निगम का अमला मौके पर पहुंचा और चैंबर को साफ कराया।
वार्ड 15 के अंतर्गत गदाईपुरा इलाके में पिछले 20 दिन से सीवर चैंबर जाम होने से सड़क पर गंदा पानी फैल रहा था। इसके चलते आसपास के इलाके के लोग भी परेशान हो रहे थे। स्थानीय लोगों ने क्षेत्रीय पार्षद देवेंद्र राठौर से मामले की शिकायत की थी। पार्षद ने भी निगम के अमले से चैंबर की सफाई करने के लिए कहा था, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके चलते मंगलवार को वे खुद ही सीवर चैंबर में उतरकर सफाई करने लगे। जब स्थानीय लोगों ने वीडियो बनाते हुए उनसे पूछा, तो उनका कहना था कि कई बार अधिकारियों को बताने के बावजूद चैंबर साफ नहीं हो रहा है। ठेकेदार भी आज-कल कर टालमटोल कर रहा है। इस वजह से मजबूरन सीवर चैंबर में उतरकर सफाई करनी पड़ रही है।
पार्षद के सीवर चैंबर में उतरने का वीडियो नगर निगम आयुक्त तक पहुंचा, तो आनन फानन में सफाई अमला गदाईपुरा पहुंचा और सफाई कराई। बाद में पार्षद का कहना है कि ग्वालियर नगर निगम के अफसर नींद में हैं। महापौर अधिकारियों की मनमानी पर अंकुश लगाने में पूरी तरह असफल हैं। हालांकि वीडियो सामने आने के बाद पार्षद पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि पिछले साल उपनगर ग्वालियर में ही सीवर चैंबर में घुसकर सफाई के दौरान दो कर्मचारियों की जहरीली गैस से मौत हो गई थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट के भी सख्त आदेश हैं कि सीवर चैंबर में उतरकर सफाई नहीं होनी चाहिए।
पार्षद देवेंद्र राठौर गत रविवार को अन्य पार्षदों के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के आवासों की जांच करने के लिए महलगांव पहुंच गए थे, जबकि आचार संहिता लगी हुई है। इसकी जानकारी मिलने पर निगमायुक्त ने पार्षद को फोन पर अवगत कराया था कि आचार संहिता में वे इस तरह की जांच नहीं कर सकते हैं। आचार संहिता समाप्त होने के बाद वे जांच के लिए स्वतंत्र हैं। मंगलवार को चैंबर सफाई के वीडियो में भी पार्षद इसका हवाला देते हुए नजर आए कि आचार संहिता में यदि जांच नहीं कर सकते और चैंबर सफाई के लिए नहीं कह सकते, तो मैं स्वयं ही कर रहा हूं।