Gwalior Achaleshwar Mahadev News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पंजीयक लोक न्यास एवं जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह ने तीनों पक्षों को सुनने के बाद अचलेश्वर मंदिर के संचालन के लिए फिलहाल हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एनके मोदी को अध्यक्ष मनोनीत किया है। सहयोग व व्यवस्था के लिए सात सदस्यीय कार्यकारिणी का भी गठन किया है। जिलाधीश ने यह व्यवस्था संतोष सिंह राठौर की याचिका पर बनाई है। कार्यकारिणी में सात अधिकारियों को शामिल किया गया है। नई व्यवस्था के तहत अब सबसे बड़ा आयोजन श्रावण मास की शुरुआत है। श्रावण मास में एक माह तक बेलपत्र अर्पित करने वालों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु अचलेश्वर मंदिर में दर्शनों के लिए आते हैं।
अचलेश्वर न्यास में लंबे समय से अनियमितताओं को लेकर विवाद चल रहा है। मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। न्यायालय के आदेश से ट्रस्ट को भंग किया जा चुका है। कोर्ट के आदेश से मंदिर के संचालन के लिए रिटायर्ड न्यायधीशों को रिसीवर भी नियुक्त किया गया था। कोर्ट ने रिसीवरों को न्यास का संविधान बनाने का भी दायित्व सौंपा था। कोर्ट के आदेश से ही रिसीवार को कार्यमुक्त कर जिला प्रशासन को को मंदिर के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बाद जिलाधीश ने अनियमितताओं के साथ मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर तीनों पक्ष याचिकाकर्ता संतोष सिंह राठौर, न्यास के पूर्व अध्यक्ष हरिदास अग्रवाल व पूर्व न्यासी नरेंद्र सिंघल का पक्ष सुनने के बाद मंदिर के संचालन के लिए नई कार्यकारिणी गठित की गई है।
- जिलाधीश ने सेवानिवृत्त न्यायधीश (उच्च न्यायालय) एनके मोदी को न्यास का अध्यक्ष मनोनीत किया है। उनके सहयोग के लिए एसडीएम लश्कर विनोद शर्मा पदेन संयोजक, सदस्य के रूप में अपर आयुक्त नगर निगम, नगर पुलिस अधीक्षक इंदरगंज विजय भदौरिया, अपर आयुक्त द्वारा नामांकित सहायक यंत्री, माफी आफिसर सत्यप्रकाश शुक्ला, आयुक्त कार्यालय ग्वालियर संभाग, संयुक्त संचालक कोषा एवं लेखा वायके सक्सेना ग्वालियर द्वारा नामांकित सहायक संचालक, कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा लोक निर्माण विभाग ग्वालियर द्वारा नामांकित सहायक यंत्री को शामिल किया गया है।
- याचिकाकर्ता संतोष सिंह राठौर: जिलाधीश की इस व्यवस्था से निसंदेह मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार होगा और कुछ लोगों की मनमानी पर अंकुश लगेगा।
- पूर्व अध्यक्ष: न्यास के पूर्व अध्यक्ष हरिदास अग्रवाल का कहना है कि जिलाधीश की व्यवस्था से मंदिर का सुनियोजित ढंग से निर्माण कार्य पूर्ण हो सकेगा और व्यवस्थाओं में परिवर्तन होगा।
- पूर्व न्यासी: नरेंद्र सिंघल का कहना है कि जिलाधीश के इस फैसले से मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार के साथ नये स्वरूप में मंदिर नजर आयेगा।
- मंदिर के निर्माण कार्य लंबे समय से अटका हुआ है। होली से फिर से काम बंद हैं। जिसके कारण श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर के निर्माण में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।
- साफ-सफाई व्यवस्था: नगर का सबसे प्रमुख एवं प्राचीन मंदिर अचलेश्वर से नगरवासियों की आस्थाएं जुड़ी हुई हैं। साफ-सफाई के नाम पर एक सफाई कर्मचारी तैनात हैं। अब मंदिर के गर्भगृह में सफाई कार्य सेवकों के भरोसे हैं।
- नहीं जमा कराया किराया: मंदिर में प्रसाद व फूलमालाओं की दुकानें हैं। इन किरायेदारों ने वर्षों से किराया जमा नहीं कराया है।
- सोमवार को लगता है जमा: एसडीएम द्वारा की गई नई व्यवस्था के कारण प्रति सोमवार को जाम की स्थिति रहती है, क्योंकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग के लिए स्थान चिन्हित नहीं किया गया है। पूर्व की पार्किंग पर वाहन पार्क करने पर रोक लगा दी गई है।
- विशेष त्योहारों पर रहती है अव्यवस्था: अगले माह से श्रावण मास शुरू हो रहा है। श्रावण मास में पूरे माह बेलपत्र अर्पित करने वाले श्रद्धालुओं के लिए समय का निर्धारण किया जाना है। त्योहार पर मंदिर में अव्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालु परेशान रहते हैं।