नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल की मिनी बस में माधवनगर चौराहे पर बुधवार दोपहर करीब 2.30 बजे आग लग गई। स्कूल की छुट्टी होने के बाद बस से बच्चों को घर ले जाया जा रहा था, इसी दौरान हादसा हुआ। धुआं उठते ही बच्चों में अफरा-तफरी मच गई। बच्चे बुरी तरह घबरा गए। बच्चों को आनन-फानन में यहां मौजूद पुलिसकर्मी और आम लोगों की मदद से बस से नीचे उतारा गया। बच्चे बाल-बाल बच गए।
कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड भी पहुंच गई और पानी फेंककर आग पर काबू पाया गया। जीडी गोयनका स्कूल की बस एमपी 07 पी 1423 दोपहर में बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। बस विवेकानंद तिराहे से होते हुए माधवनगर चौराहे पर पहुंची। यहां निर्माण कार्य के चलते बस धीमी गति में थी। अचानक इंजन से धुआं उठा और बस बंद हो गई। चालक ने दोबारा चालू करने का प्रयास किया तो धुआं बस के अंदर भरने लगा। बच्चे बुरी तरह घबरा गए।
यहां पुलिसकर्मी मौजूद थे। चीख-पुकार मचने पर तुरंत मदद के लिए दौड़े। आम लोग भी मदद के लिए रुके। बच्चों को बाहर निकाला गया। राहगीर ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी पहुंच गई और पानी फेंककर आग बुझा ली गई। इंजन से ड्राइविंग सीट तक आग पहुंच गई थी। आग लगने की वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन आशंका है कि इंजन के अंदर शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी होगी।
..तो हो जाता बड़ा हादसा: अगर आग और भड़क जाती। समय पर लोग मदद न करते तो बड़ा हादसा हो सकता था। बच्चे खतरे में पड़ सकते थे। गनीमत रही कि जैसे ही इंजन से धुआं उठा तो बच्चों को समय रहते बाहर निकाल लिया गया।
शहर में स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लंबे समय से शहर में परिवहन विभाग और पुलिस ने संयुक्त अभियान नहीं चलाया है। स्कूली वाहनों की जांच पड़ताल को लेकर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कुछ समय पहले निर्देश भी दिए थे। सांसद ने कहा था कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा महत्वपूर्ण बिंदु है जिसको लेकर संयुक्त मुहिम चलाई जाना चाहिए। ग्वालियर में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की ओर से सड़कों पर कोई अभियान नहीं चलाया,जबकि हर रोज ग्वालियर की सड़कों पर बड़ी संख्या में स्कूली बसों का आवागमन देखा जा सकता है।
स्कूल के डायरेक्टर मनोज जैन का कहना है कि गाड़ी से धुआं उठता देख चालक ने गाड़ी सड़क किनारे लगाई। उस समय बस में तीन ही बच्चे थे। बस आखिरी स्टापेज पर थी। सभी बच्चे सुरक्षित हैं। जिनको समय रहते उतार लिया गया।