Foreign breed dogs: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। गर्मियां आ गई हैं और इस मौसम में डाग्स को खास देखभाल की जरूरत है। डाग्स को गर्मियां जरा भी नहीं भाती हैं, क्योंकि डाग्स के शरीर का तापमान इंसानों के शरीर से ज्यादा होता है। इनके लिए गर्मियां काफी तकलीफ वाली होती हैं। डाग्स को पसीना नहीं आता है। ऐसे में गर्मी से खुद को बचाने के लिए जीभ निकालकर सांस लेते हैं। इसके अलावा गर्मी के मौसम में अक्सर डाग्स को हीट स्ट्रेस होता है, जिसमें जुकाम, खांसी, बुखार से लेकर उल्टी जैसे लक्षण सामने आते हैं। ऐसे में इस मौसम में डाग्स को हीट स्ट्रेस से बचाना जरूरी है।
शहर में ज्यादातर पेट लवर्स ने विदेशी ब्रीड के डाग्स पाल रखे हैं। इनमें जर्मन शेपर्ड, लेब्राडोर, पग शामिल हैं। विदेशी ब्रीड के डाग्स को गर्मियों का मौसम ज्यादा प्रभावित करता है। इसलिए इस मौसम में इन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। तेज गर्मी और अचानक बदल रहे मौसम का असर पेट्स पर भी हो रहा है। गर्मी से पेट्स को हीट-स्ट्रेस हो रहा है। शहर में बढ़े तापमान से डाग्स में हीट स्ट्रेस के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में डाग्स को लेकर सावधानी बरतना जरूरी है। अन्यथा यह हीट स्ट्रेस जानलेवा भी साबित हो सकता है।
पशुपालन विभाग के वेटरनरी डाक्टर का कहना है कि डाग्स को गर्मी ज्यादा लगती है। उनके लिए ठंडा मौसम ही बेहतर रहता है। गर्मी के मौसम में डाग्स को ये समस्याएं हो सकती हैं-
- गर्मियां शुरू होने पर जानवर विशेषकर पालतू जानवरों में स्किन डिसीज जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इस दौरान डाग्स भूखे रहते हैं और चिढ़चिढ़ा व्यवहार करते हैं।
- डाग्स में स्किन इंफेक्शन जैसे फंगस, एक्टोपैरासाइट, चिपचिपी त्वचा की परेशानी हो जाती हैं।
- डीहाइड्रेशन हो जाता है। खाना ठीक से नहीं पचता है। द्य बुखार, उल्टी और लूज मोशन हो सकते हैं।
1. हीट स्ट्रोक होने पर डागी के शरीर की दिन में कम से कम एक बार ठंडे पानी से सिकाई करें।
2. डाग को खुले, सूखे व ठंडे स्थान पर रखें, संभव हो तो उसे एसी रूम में रखें।
3. ज्यादा गर्म व हैवी खाना न दें। हफ्ते में अधिकतम दो बार चिकन-मीट ही खिलाएं।
4. अगर पेट्स ठंडा पीता है, तो उसे ठंडा पानी ही पिलाएं। हफ्ते में अधिकतम दो बार नहलाएं।
5. दोपहर में खाना देने से बचें। खाने में दही, छाछ या मठा दे सकते हैं।
6. डाग्स की सीधी धूप से बचाएं। डाग्स को गर्मियों में टहलाने के लिए हमेशा सुबह और शाम का वक्त ही चुनें।
7. डाग के शरीर पर ज्यादा बाल हैं तो उन्हें गर्मियों के मौसम में समय-समय पर कटवाते रहें। छोटे बालों में गर्मी कम लगती है। ऐसा करने से उसकी स्किन पर पनपने वाले बैक्टीरिया और पैरासाइट्स से भी उसे बचाया जा सकता है।
8. डाग को दिए जाने वाले पानी में थोड़ा इलेक्टोरल और ग्लूकोज भी मिला दें।
शहर में तापमान बढ़ने के साथ ही डाग्स में हीट स्ट्रोक के मामले बढ़े हैं। हीट स्ट्रोक से बचने का यही तरीका है कि डाग्स को सीधे धूप या गर्म हवा के संपर्क से दूर रखा जाए। इसके अलावा उसके खानपान का भी विशेष ख्याल रखा जाए। लापरवाही करने पर हीट स्ट्रोक जानलेवा हो सकता है।
डा. गिरजा शंकर दुबे वेटरनरी डाक्टर पशुपालन विभाग