मुरैना में चंबल खतरे के निशान से ऊपर, बैराड़, नरवर, करैरा के कई गांव में लोग फंसे
ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ग्वालियर-चंबल अंचल में बाढ़ की स्थिति गंंभीर होती जा रही है। शिवपुरी में बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने में सफलता नहीं मिलने पर झांसी के बबीना से सेना को बुलाया गया। मुरैना व शिवपुरी में एक-एक बच्चे की पानी में डूबने से मौत हो गई। भिंड-मुरैना में चंबल का जलस्तर बढ़ने से कई गांव डूब गए हैं। उधर बांधों से लगातार छोड़े जा रहे पानी से सभी नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। मुरैना में चंबल खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है। इससे रेल व सड़क मार्ग पर आवागमन बाधित हुआ है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर-चंबल संभाग में अतिवर्षा के कारण उपजी स्थितियों पर चिंता जताई है। तोमर ने राहत और बचाव कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री, रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, संभागायुक्त व कलेक्टर से चर्चा की। तोमर ने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा है कि अतिवर्षा से प्रभावित लोगों को तुरंत राहत शिविरों में ले जाएं तथा उनके भोजन इत्यादि के समुचित प्रबंध किए जाएं।
शिवपुरी में दो हजार से ज्यादा लोग अब भी बाढ़ में फंसे हुए हैं। वायु सेना के हेलीकॉप्टर भी दिनभर दृश्यता कम होने और लगातार बारिश होने से बचाव करने में सफल नहीं हो सके। मदद के लिए सेना की बाढ़ नियत्रंण टुकड़ी की मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसके लिए रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख से बात की है।
मड़ीखेड़ा बांध के गेट खोलने के बाद नरवर और करैरा क्षेत्र में महुअर के साथ सिंध भी उफान पर आ गई। करैरा के एरावन गांव में पानी से बचने के लिए 14 लोग एक टॉवर पर चढ़े हुए थे। इनमें से दो को बचा लिया गया, लेकिन टॉवर ढहने से शेष 12 लोग लापता होने गए थे, लेकिन बाद में इन्हें बचा लिया गया। प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने इनके लापता होने की पुष्टि की है। एक अन्य हादसे में गोरा टीला गांव में डेढ़ साल की बच्ची बबीता आदिवासी की पानी में डूबने से मौत हो गई।
प्रभारी महेंद्र सिंह सिसौदिया ने बताया कि हालात बहुत खराब हैं क्योंकि नेटवर्क नहीं होने की वजह से ठीक से संवाद भी नहीं हो पा रहा है। सुबह तक सेना पहुंच सकती है। मुरैना में मंगलवार शाम को चंबल नदी खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही थी। कई गांव डूबे हुए हैं। सुंदरपुर गांव में बाढ़ के पानी में बहने से 14 साल के किशोर की मौत हो गई। भिंड में ग्वालियर इटावा हाइवे पर बरही गांव के पास चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान 122 मीटर से ऊपर निकल गया।
इंदौर इंटरसिटी ट्रेन में 16 घंटे तक फंसे रहे 1475 यात्री
ट्रैक पर पानी भरने और इलेक्ट्रिक पोल टूटने के कारण सोमवार रात 7:50 बजे ग्वालियर स्टेशन से इंदौर के लिए रवाना हुई इंटरसिटी शिवपुरी के पाराखेड़ा स्टेशन पर फंस गई। 16 घंटे तक 1475 यात्री ट्रेन में फंसे रहे। मंगलवार की सुबह ग्वालियर स्टेशन से ट्रेन को वापस लाने के लिए डीजल इंजन भेजा गया।
वह भी पार्वती नदी में उफान आने पर सुबह नौ बजे मोहना स्टेशन पर रोक दिया गया। इंदौर से ग्वालियर आ रही इंटरसिटी भी सोमवार-मंगलवार की रात डेढ़ बजे गुना स्टेशन पर पहुंच चुकी थी। शिवपुरी से ग्वालियर के बीच मार्ग बाधित होने से इंदौर-इंटरसिटी को वापस लौटाते हुए मक्सी, बीना, झांसी के रास्ते ग्वालियर सुबह 10 बजे लाया गया।
दतिया में सिंध नदी पर बने पुल के क्षतिग्रस्त होने की जांच के लिए बनाई समिति
रतनगढ़ बसई मलिक और इंदरगढ़ पिछोर मार्ग पर बने पुल अतिवर्षा के कारण हो गई क्षतिग्रस्त
भोपाल। अतिवर्षा से दतिया जिले में रतनगढ़ बसई मलिक और इंदरगढ़-पिछोर मार्ग पर बने पुल के क्षतिग्रस्त होने की जांच के लिए लोक निर्माण विभाग ने समिति बना दी है। विभागीय मंत्री गोपाल भार्गव के निर्देश पर गठित जांच समिति एक सप्ताह में जांच करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी। समिति का अध्यक्ष अधीक्षण यंत्री एमपी सिंह, सदस्य पीएस पंत और अनिवाश सोनी को बनाया गया है।
विभाग के प्राथमिक प्रतिवेदन के अनुसार अतिवर्षा के कारण इंदरगढ़-पिछोर मार्ग पर सिंध नदी पर बने पुल के चार स्लेब क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मंगलवार को शाम पांच बजे तक पुल के ऊपर एक से डेढ़ मीटर पानी का बहाव था। यह पुल 2013 में बना है और इसकी लंबाई 270 मीटर है। इसी तरह रतनगढ़ बसई मलिक मार्ग पर बने पुल के पांच स्लेब क्षतिग्रस्त हुए हैं। यह 2010 में बना था। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पुल पर पानी कम होने के बाद ही नुकसान का वास्तविक आकलन होगा।