नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मुरैना में फर्जी सीपेट रिपोर्ट की पहली शिकायत करीब 6 माह पहले मुख्य अभियंता कार्यालय को मिली थी। इसके बाद ही कार्यपालन यंत्री को इस मामले में जांच करके कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा गया था।
साथ ही प्रमुख अभियंता को भी पत्र लिखा गया था। इसके बाद भी किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया और भुगतान होता रहा। नतीजा ये हुआ कि इसके बाद बाकी के भी हौंसले बुलंद होते गए और अब ऐसी 8 फर्म सामने हैं, जिनकी रिपोर्ट को सीपेट ने सत्यापित नहीं किया है।
फर्जी सीपेट मामले में जांच शुरू होने के बाद नई-नई जानकारियां सामने आने लगी हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को पता चला है कि ग्रामीण पीएचई विभाग जब पाइप का आर्डर फर्म को देता था, तो ठेकेदार संबंधित कंपनी में पाइप बुक कराता था। सीपेट जांच भी करा लेते थे। इसके बाद अधिकारियों को दिखाने के नाम पर सीपेट रिपोर्ट हासिल की जाती थी, लेकिन माल नहीं उठाया जाता था।
अधिकारी भी जिस कंपनी का पाइप उठाया गया, उसका बिल चेक नहीं करते और ठेकेदार के लगाए बिल पर भुगतान किया जाता था। बिल भुगतान जिस कंपनी के पाइप का हुआ है, उस कंपनी को पत्र लिखकर पता किया जाएगा कि फर्म ने पाइप खरीदा भी है या नहीं।
फर्जी सीपेट मामले में जांच शुरू हाेने के बाद नई-नई जानकारियां सामने आने लगी हैं। वरिष्ठ अधिकारियाें काे पता चला है कि ग्रामीण पीएचई जब पाइप का आर्डर फर्म काे देता था ताे ठेकेदार संबंधित कंपनी में पाइप बुक कराता था और सीपेट जांच भी करा लेते थे। इसके बाद अधिकारियाें काे दिखाने के नाम पर सीपेट रिपाेर्ट हासिल की जाती थी, लेकिन माल नहीं उठाया जाता था।
अधिकारी भी जिस कंपनी का पाइप उठाया गया, उसका बिल चेक नहीं करते और ठेकेदार के लगाए बिल पर भुगतान किया जाता था। इसी वजह से अब यह भी जांच कराई जा रही है कि बिल भुगतान जिस कंपनी के पाइप का हुआ है, उस कंपनी काे पत्र लिखकर पता किया जाएगा कि फर्म ने पाइप खरीदा भी है या नहीं।
6 माह पहले दंडौतिया कंस्ट्रक्शन कंपनी की फर्जी सीपेट की शिकायत मिलने पर ही हमने ईई काे पत्र लिखा था। साथ ही प्रमुख अभियंता काे भी जानकारी दी थी। अब हमें पता चला है कि इसके बाद भुगतान भी हुआ है, हमने जाे कमेटी बनाई है, वह सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। कंपनी से पाइप बुक करने के बाद पाइप नहीं उठाने की जानकारी भी मिली है, इसकी भी पड़ताल के लिए हम कंपनी से सत्यापन कराएंगे।
आरएलएस मौर्य, मुख्य अभियंता लाेक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग