नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खराब है। जनता की ही शिकायतों का निराकरण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे हैं। ग्वालियर कलेक्टर के पत्र से यह स्पष्ट तौर पर सामने आया है। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिले के सिविल सर्जन डा. आरके शर्मा को लेकर आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं को पत्र लिखा है कि डा. शर्मा को हटाकर किसी अन्य को सिविल सर्जन का दायित्व दिया जाए।
पत्र में यहां तक लिखा है कि सिविल सर्जन डा. शर्मा इस पद पर काम करने के लायक नहीं है। डा. शर्मा की ओर से जिला चिकित्सालय स्तर पर शिकायतों का निराकरण नहीं किया जा रहा है जिस कारण सीएम हेल्पलाइन में पेंडेंसी हो रही है, जिले की ग्रेडिंग बिगड़ रही है। बैठकों तक में डा. शर्मा की ओर से उत्तर नहीं दिया जाता है।
कलेक्टर की ओर से भेजे गए पत्र में लिखा है कि सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक, जिला ग्वालियर डा. आरके शर्मा द्वारा स्वास्थ्य से संबंधित आमजन की शिकायतों का गंभीरता से निराकरण नहीं किया जा रहा हैं एवं चिकित्सालय की व्यवस्थाओं का भी उचित प्रबंधन नहीं किया जा रहा हैं। आमजन की चिकित्सालय-स्वास्थ्य से संबंधित शिकायतें प्रतिदिन प्राप्त हो रही है।
उक्त शिकायतों के चिकित्सालय स्तर पर ही निराकरण न होने से आम जन द्वारा जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन जैसे प्रदेश स्तरीय पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा रही हैं। जनसुनवाई सीएम हेल्पलाइन में शिकायत वरिष्ठ लेवल पर पहुंचने से जिला ग्वालियर की ग्रेडिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा हैं। डा. शर्मा सिविल सर्जन को आमजन, जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन की दर्ज शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए कई बार समक्ष में अवगत कराया गया।
किंतु डा. शर्मा द्वारा बैठकों में किसी भी शिकायत का संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जाता हैं। डा. शर्मा द्वारा आमजन की गंभीर शिकायतों के निराकरण एवं अद्यो हस्ताक्षरकर्ता द्वारा समझाइश दिए जाने के बावजूद लगातार उदासीनता व लापरवाही बरती जा रही हैं। सिविल सर्जन की उक्त कार्यप्रणाली से यह परिलक्षित होता हैं कि वह सिविल सर्जन पद पर कार्य करने लायक नहीं हैं।