ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। गठिया रोग/आर्थाराइटिस/ की शिकायत उन्हें होती है जिनके जीन में कोई न कोई परिवर्तन हुआ है। जीन में हुए परिवर्तन के कारण गठिया रोग की शिकायत तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही बदलती जीवनशैली और धूम्रपान की लत मरीजों में दर्द बढ़ा रही है। यह बीमारी पुरुष की अपेक्षा महिलाओं में तीन गुना तेजी से बढ़ रही है। रिमोटोय आर्थाराइटिस की परेशानी 22 से 40 साल की उम्र के बीच के लोगों में तेजी से बढ़ रही है। हाथ पैरों के ज्वाइंट में दर्द,सूजन आ जाती है। हाथ पैर के ज्वाइंट की हड्यां टेड़ी पड़ जाती है। जीन में परिवर्तन के कारण यह समस्या बच्चोंमें भी तेजी से देखी जा रही है। जिसे जुवेनाइल आर्थाराइटिस कहा जाता है। गठिया बात की शिकायत होने पर यह ज्वाइंट के अंदर की आर्टीनल को खराब कर देता है। जिससे खून का संचार प्रभावित होता है और ज्वाइंट टेड़े मेड़े हो जाते है, व्यक्ति चलने फिरने में असमर्थ हो जाता है तथा अहसहनीय दर्द होता है। इस रोग को पूरी तरह से समाप्त तो नहीं किया जा सकता लेकिन समय रहते उपचार देने पर पीड़ा काे कम किया जा सकता है। बुधवार को हेलो डाक्टर कार्यक्रम में शाम 5 से 6 के बीच फोन नंबर 0751-4711031 पर संपर्क गठिया रोग विशेषज्ञ डा रामेश्वर गुप्ता से परामर्श ले सकते हैं।
लगातार दूसरे दिन फिर मिले डेंगू के 18 मरीज
बे-मौसम बरसात से हुए जलभराव के कारण डेंगू की रफ्तार तेज हो गई। लगातार दूसरे दिन डेंगू के एक साथ 18 मामले सामने आ गए। जिनमें बच्चे और बड़े सभी शामिल हैं। यदि इसी तरह से डेंगू का प्रकाेप बढ़ता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब अस्पतालों में पैर रखने के लिए जगह नहीं मिलेगी। जिस गति से मच्छर जनित बीमारियां फैल रही है उस गति से स्वासथ्य विभाग काम नहीं कर रहा है। मलेरिया विभाग की सुस्ती और नगर निगम की फोगिंग नहीं होने के कारण मच्छर डंक मार रहे हैं जिससे लोग बीमार हो रहे हैं। डेंगू मरीजों की संख्या 188 पर जा पहुंची है। जबकि जिले में डेंगू के अबतक 160 मरीज मिल चुके हैं। ग्वालियर के 48 साल की मीरा,7 महीने का आर्यन,अर्थव,15 साल की अंशु,3 साल की रिद्दी, 25 साल का नवनीत, 38 साल की चमेली,20 साल का ऋषि ,मुरैना की 14 साल की रुबी,33 साल की सुनीता,13 साल की मोनिका, भिंड का 18 साल का देवांस,24 साल के लालसिंह, 11 साल का जुबेद,राजस्थान का 33 साल का अमित ,हमीरपुर के 28 साल के रोहितजालोन का 29 साल का राम बहादुर,कैलारस का 11 साल का विनायक को बुखार आया। बुखार जब लंबे समय तक नहीं गया तो डाक्टर के परामर्श पर डेंगू की जांच कराई तो उसमें डेंगू की पुष्टी हुई है।