By Election Madhya Pradesh : ग्वालियर। विरोधियों की बिगाड़ने व अपने नेताओं की छवि बनाने में सोशल मीडिया को भाजपा ने अपना अचूक हथियार बनाया था। अब इसी हथियार से कांग्रेस ने भाजपा पर हमले करना शुरु कर दिये हैं। प्रदेश के उपचुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस की बीच सोशल मीडिया पर जंग शुरू हो गई है। पिछले 15 दिन में अंचल की 16 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की जमीन तैयार करने के लिए कांग्रेस ने सुनियोजित तरीके से शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया व इमरती देवी के 3 ऑडियो-वीडियो वायरल किए। यह तीनों ही उपचुनाव के प्रमुख किरदार हैं। जिन्हें कांग्रेस घेरने की रणनीति बन रही है। ऑडियो-वीडियो वायरल करने के बाद इन्हें उपचुनाव में मुद्दा बनाने के लिए कांग्रेस समूचे प्रदेश संभागीय व जिला मुख्यालय पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिलवाए। कांग्रेस ने इस बात के संकेत दिए हैं कि कोरोना संक्रमण काल में उपचुनाव सोशल मीडिया व मीडिया के माध्यम से लड़ेगी।
पहला ऑडियो
यह कथित ऑडियो पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व अशोक नगर की पूर्व पार्षद अनीता जैन का था। अनीता जैन इस ऑडियो में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बता रही हैं कि पुत्र वधु की टिकट के लिए उनके निज सचिव पाराशर के कहने पर किसी अग्रवाल के पास एक मुश्त राशि रखवा दी थी। इसके बाद भी टिकट नहीं हुआ। जांच के लिए एडीजीपी राजाबाबू सिंह को ज्ञापन दिया।
दूसरा वीडियो
सोशल मीडिया पर दूसरा कथित वीडियो सीएम शिवराज सिंह चौहान का वायरल किया गया। जिसमें शिवराज उद्बोधन में कार्यकर्ताओं को जानकारी दे रहे हैं कि केंद्र सरकार से इशारा मिलने के बाद सिंधिया व तुलसी सिलावट के सहयोग से कांग्रेस की कमल नाथ सरकार गिराई। शहर जिला कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम संभागीय आयुक्त को ज्ञापन दिया।
तीसरा ऑडियो
प्रदेश में तीसरा ऑडियो पूर्व मंत्री इमरती देवी का वायरल हुआ है। इसमें इमरती देवी अपने कार्यकर्ता को आंखें निकलवाने की धमकी देने के साथ ट्रांसफर व बोरिंग का कार्य रूकवाने की धमकी दे रहीं हैं। हालांकि इमरती देवी ने इंकार किया है कि यह आवाज उनकी नहीं हैं।
सोशल मीडिया पर जारी हुए कथित ऑडियो-वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि बौखलाई कांग्रेस निकृष्टता पर उतर आई है। राजनीति में सुचिता के लिए भाजपा के अपने नीति व सिद्धांत हैं। उसका कभी इस तरह के दुष्प्रचार में भरोसा नहीं रहा है। क्षेत्र का मतदाता हकीकत से वाकिफ है कि किस तरह से झूठे वचन-पत्र से सत्ता हासिल की। सिद्धांतवादी ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके समर्थकों को कांग्रेस छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी केके मिश्रा का कहना है कि नीति व सिद्धांतों की बात करना भाजपा को शोभा नहीं देता है। प्रदेश में निर्वाचित कांग्रेस सरकार के धनबल से भाजपा ने किस तरह से गिराया। यह प्रदेश की जनता ने देखा है। फैसला फिर जनता ही करेगी प्रदेश में किस की सरकार रहेगी, किस की जाएगी।