नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: बिरला नगर रेलवे स्टेशन पर वर्तमान में सात जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का स्टापेज है। जिसके लिए यहां पर स्टाफ भी तैनात है, स्टेशन के मेंटेनेंस पर भी खर्चा होता ही है। अब यदि इसी स्टाफ की मदद से यहां से पैसेंजर ट्रेनों का संचालन ही शुरू कर दिया जाए तो स्टेशन तेजी से विकसित होगा। साथ ही यहां मौजूद अमले का भी पूरा उपयोग हो पाएगा। यदि अतिरिक्त स्टाफ की जरुरत पड़ती भी है तो रेलवे स्टेशन पास ही है, यहां से भी स्टाफ को भेजा जा सकता है। वर्तमान में भी जरुरत पड़ने पर ऐसा किया जाता है।
रेलवे स्टेशन पर निर्माण कार्य के कारण प्लेटफार्म नंबर चार तक पहुंचना किसी जंग जीतने से कम नहीं है। प्रवेश का रास्ता संकरा हो गया है, बाकी जगह आटो, ई रिक्शा ने घेर ली है, यात्रियों के वाहन जाम में फंस जाते हैं। पैदल जाने वालों को भी खासी मशक्कत का सामना करना पड़ता है।
कई बार तो हालत ये हो जाती है कि जाम लंबा होने पर कई लोंगों की ट्रेन भी छूट जाती है। खास बात ये है कि निर्माण कार्य पूरा होने में अभी समय लगेगा। इसीलिए यदि बिरला नगर स्टेशन से पैसेंजर ट्रेनों सहित कुछ अन्य ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं किया जाता है तो लंबे समय तक यात्रियों को इसी प्रकार की परेशानी झेलना होगी। साथ ही निर्माण कार्य के दौरान भीड़ अधिक होने पर हादसों की आशंका भी बढ़ जाती है।
वर्तमान में यहां स्टेशन मास्टर, प्वाइंट्स मैन, सफाई कर्मचारी, कमर्शियल, एसएनटी, खल्लासी सहित करीब 12 से 15 लोगों का स्टाफ है। जबकि अभी पैसेंजर ट्रेनों के स्टापेज एवं कभी-कभी एक्सप्रेस या अन्य ट्रेनों को लूप लाइन पर रोका जाता है। यदि सभी सात जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों के साथ ही ग्वालियर से चलने वाली ट्रेनों का भी यहां से संचालन शुरू किया जाता है तो स्टाफ का पूरा उपयोग हो सकेगा। साथ ही ट्रेनों का संचालन होने से जब यात्री संख्या बढ़ेगी तो खान-पान के स्टाफ सहित अन्य वेंडर भी इस तरफ आकर्षित होंगे, जिससे स्टेशन की आय भी बढ़ेगी।
वर्तमान में सात जोड़ी ट्रेनों का स्टापेज होने से बिरला नगर स्टेशन से प्रतिदिन औसत 1600 यात्रियों का आवागमन होता है। क्योंकि लोग मुख्य स्टेशन से ही ट्रेनों में बैठ जाते हैं, जिससे उनको सीट मिल जाए। यदि ट्रेन बिरला नगर से संचालित होगी तो पैसेंजर यहां से ट्रेन में सवार होंगे और यात्री संख्या अपने आप ही बढ़ जाएगी।
मैंने रेल मंत्री से मुलाकात में पहले भी यह मांग रखी थी। हम लोग केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मिलने गए थे। यदि बिरला नगर स्टेशन से ट्रेनों का संचालन शुरू होगा तो मुख्य स्टेशन से लोड कम होगा, साथ ही स्टेशन भी तेजी से विकसित होगा। मैं इस मामले को लेकर दोबारा रेल मंत्री को पत्र लिखूंगा, साथ ही उनसे मिलकर भी यह मांग दोबारा रखेंगे।
प्रद्युम्न सिंह तोमर, क्षेत्रीय विधायक एवं ऊर्जा मंत्री मप्र शासन