Ayurveda Research Center News: औषधि के ट्रायल से लेकर एक्सपारी की जांच की जाती आयुर्वेद रिसर्च सेंटर में
Ayurveda Research Center News: प्रदेश का इकलौता क्षेत्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान में इन दिनों 6 औषधियों की गुणवक्ता और एक्सपायरी डेट की पड़ताल की जारहीहै।
By anil.tomar
Edited By: anil.tomar
Publish Date: Mon, 21 Mar 2022 09:56:28 AM (IST)
Updated Date: Mon, 21 Mar 2022 09:56:28 AM (IST)
- आयुर्वेदिक औषधि से पहले उसका ट्रायल चूहों पर किया जाता है।
Ayurveda Research Center News: ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। आयुर्वेदिक औषधि से पहले उसका ट्रायल चूहों पर किया जाता है। अब तैयार औषधियों की गुणवक्ता और एक्सपायरी डेट दोनों जरुरी है। इसलिए इस क्षेत्र में लगातार काम किया जा रहा है। प्रदेश का इकलौता क्षेत्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान में इन दिनों 6 औषधियों की गुणवक्ता और एक्सपायरी डेट की पड़ताल की जा रही है। इस पड़ताल में आयुर्वेदिक चाय की भी अब एक्सपायरी डेट पर शोध कार्य पूरा हो चुका है। जो मार्च 2022 के अंत में चाय की एक्सपायरी डेट भी निर्धारित कर दी जाएगी। केंद्रीय आयुष मंत्रालय की केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद ने अलग अलग बीमारियों के इलाज के लिए कई औषधियां /कोडिड ड्रग्स /तैयार की गई है। इसमें से पांच औषधियाें की एक्सपायरी व गुणवक्ता कें संबंध में पड़ताल का काम रिसर्च सेंटर चल रहा है। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्व माधवराव सिंधिया ने क्षेत्रीय आयुर्वेदकि शोध संस्थान की नींव 1979 में रखी थी। जिसके बाद आयुर्वेद कालेज के बाहर इस संस्थान का अलग से भवन बनाया गया। इससे पहले शोध कार्य साईं बाबा मंदिर के पास हुआ करता था। बाद में शोध कार्य कालेज के अंदर ही शुरू कर दिया गया था।
चूहों पर होता ड्रग ट्रायल-
ड्रग ट्रायल के लिए सफेद चूहों को बाहर से मंगवाया जाता है। पर अब चूहों के रखने के लिए 4 करोड़ की लागत से भवन बनकर तैयार हो चुका है जिसमें करोड़ों रुपए की मशीनें लगाई जा रही हैं। सेंट्रल एयरकंडीशनर भवन में चूहे रहेंगे। एक चूहेकी करीब 50 हजार रुपए कीमत है। इन चूहों पर ड्रग ट्रायल किया जाता और फिर उनके अंग पर आने वाले प्रभावों की स्टडी की जाती है। एक ट्रायल के लिए 25 से 30 चूहों का उपयोग किया जाता है।