नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। ग्वालियर में डेंगू के 10 नए मरीज मिले हैं। खास बात ये है कि इसमें दो वयस्क हैं, जबकि आठ बच्चे हैं। इसमें 10 माह की एक बच्ची भी पाजिटिव पाई गई है। इसमें अधिकांश बच्चे 16 साल से कम उम्र के हैं, जो एडीज मच्छर के साफ्ट टारगेट होते हैं। डेंगू के बढ़ते मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग की टेंशन बढ़ा दी है।
दरअसल, वर्षा अधिक होने से शहर में कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई थी।
कई इलाकों में 8-10 दिन तक पानी भरा रहा था, जिसमें डेंगू फैलाने वाला एडीज एजिप्ट मच्छर का लार्वा तेजी से पनपता है। इस मच्छर की उड़ान क्षमता करीब पांच फीट तक होती है, इसी वजह से बच्चे इसके लिए साफ्ट टारगेट होते हैं। इसी वजह से बच्चों को फुल आस्तिन की शर्ट और पतलून पहनने की सलाह भी दी जाती है, जिससे वह एडीज के डंक से बच सकें।
हमेशा की तरफ जिला मलेरिया विभाग का डेंगू लार्वा सर्वे अभियान नाकाफी साबित हुआ और तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। गुरुवार को जीआर मेडिकल कालेज में 165 संदिग्ध डेंगू मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच की गई, जिसमें 20 मरीज पाजिटिव पाए गए हैं, इसमें 10 ग्वालियर के हैं। इसमें शब्द प्रताप आश्रम निवासी 29 वर्षीय युवती, गदाईपुरा निवासी नौ वर्षीय बच्चा, सिंधिया स्टेच्यू के पास निवासी 10 माह का बच्चा, एयरफोर्स स्टेशन परिसर निवासी 37 वर्षीय युवक, शिवनगर मोतीझील निवासी आठ साल का बच्चा, कुलैथ निवासी दो साल का बच्चा, हरिशंकरपुरम निवासी 14 वर्षीय बच्ची, ग्रोवर अस्पताल के पास मुरार निवासी पांच साल एवं एक 10 साल का बच्चा, त्यागी नगर निवासी 12 वर्षीय बच्चा शामिल है।
बढ़ती उम्र के साथ लोगों में मोतियाबिंद होता है, जिसका आपरेशन अब बहुत ही आसान हो गया है। मामूली सर्जरी के कुछ घंटों बाद ही मरीज को छुट्टी दे दी जाती है। समय पर मोतियाबिंद के आपरेशन से आंखों को नुकसान नहीं पहुंचता। बहुत से लोग इस आपरेशन से डरते हैं, घबराते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है। नई-नई तकनीक आ गई हैं, जिसके माध्यम से बिना दर्द के आपरेशन होता है। यह मिथ्या भी अब लोगों को तोड़ना होगी कि ठंड में ही मोतियाबिंद का आपरेशन कराना चाहिए। इसे अब किसी भी मौसम में कराया जा सकता है।
डा. पुरेंद्र भसीन, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ