गुना, नवदुनिया प्रतिनिधि। मुस्लिम युवक द्वारा जैन समाज की लड़की को अगवा कर मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह कर लिया। उस समय पीड़िता की मां ने कोतवाली थाना में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी। लेकिन आरोपित और उसके परिवार ने लड़की को बंधक बनाकर रखा। इतना ही नहीं, लड़की को परिजन व समाजजनों से भी नहीं मिलने दिया। चार साल बाद लड़की द्वारा जहर खाकर या खिलाकर मौत का मामला सामने आया है, जिसने तमाम सवालों को जन्म दे दिया है। इसके साथ ही जैन समाज के अलावा पूर्व विधायक ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर आरोपितों पर हत्या और लव जिहाद की धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की है।
पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा को सौंपे ज्ञापन में जैन समाज की ओर से कहा गया है कि वसीम कुरैशी ने 2018 में जैन समाज की लड़की को बहला-फुसलाकर अगवा किया, जिसके बाद शादी भी कर ली। लेकिन चार साल बाद लड़की ने जहर खा लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। अब सवाल उठ रहे हैं कि जहर खाने के बाद उसे निजी अस्पताल क्यों ले जाया गया, जबकि यह आपराधिक मामला होने से पुलिस के संज्ञान में लाया जाना था। वसीम व परिवार द्वारा चोरी-छिपे उसके शव को कब्रिस्तान में दफनाने ले जाया जा रहा था, जब पुलिस को सूचना मिली, तब शव को बरामद करने के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया।
लड़की की मौत किन हालातों में हुई, मौत के क्या कारण रहे, लड़की के परिजनों की शिकायत को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया। लड़की का नाम और धर्म कैसे बदला गया आदि बिंदुओं की बारीकी से जांच होना चाहिए। लव जिहाद से जुड़े इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होकर इसी धारा में मामला दर्ज होना चाहिए। इस मामले में लापरवाही बरती जाती है, तो जैन समाज सड़क पर उतरकर आंदोलन के लिए मजबूर होगा। इस दौरान व्यापारिक संस्थान भी बंद रखे जाएंगे।
लव जिहाद ने ली युवती की जान
इधर, पूर्व विधायक व नपाध्यक्ष राजेंद्रसिंह सलूजा ने भी जैन समाज के साथ पुलिस अधीक्षक को अलग से ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा कि कर्नलगंज निवासी वसीम कुरैशी ने करीब चार वर्ष पूर्व जैन समाज की बेटी को झांसे में लेकर लव जिहाद में फंसाया। इसके साथ ही युवती के परिजनों को डरा-धमकाकर ब्लैकमेल किया गया। परिवार और जैन समाज की लाख कोशिशों के बाद भी युवती को परिजनों से नहीं मिलने दिया गया, क्योंकि उसे बंधक बनाकर रखा गया।
चार वर्ष की प्रताड़ना के बाद युवती ने जहर खाया या खिलाया, लेकिन लव जिहाद ने युवती की जान ले ली। इस घटना के बाद जैन समाज और शहरवासियों में आक्रोश है। इधर, उक्त मामले ने कई सवालों को भी जन्म दिया है। युवती को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती क्यों कराया गया, जबकि यह पुलिस केस था। युवती को अस्पताल में कब भर्ती कराया गया, जिसकी जानकारी भी उसके परिजनों को नहीं दी गई। युवती अस्पताल में तड़पती रही, जिसके 15 घंटे तक बयान भी नहीं लिए गए। यह सब संदेह के घेरे में आता है। मुख्यमंत्री ने लव जिहाद का कानून बनाया है, तो इस मामले में आरोपितों पर लव जिहाद और हत्या की धारा लगाई जाना चाहिए।