नईदुनिया, डिंडौरी (Dindori News)। संरक्षित जनजाति में शामिल बैगाओं के साथ आदिवासियों का कुपोषण दूर करने के लिए आए पोषक तत्वों से भरपूर हजारों क्विंटल फोर्टिफ़ाइड चावल गायब करने वाले चार सेल्समैनों के विरुद्ध गाडासरई थाना में अंतत: मामला दर्ज हो गया।
नईदुनिया में मंगलवार को प्रमुखता से प्रदेश भर में यह अनियमितता उजागर होने के बाद कलेक्टर हर्ष सिंह ने खाद्य विभाग के जिम्मेदारों को कड़ी फटकार लगाई।
आनन फानन में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी समीम खान ने गाडासरई थाना पहुंचकर इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। देर शाम पुलिस ने छह उचित मूल्य की दुकान में पदस्थ रहे चार सेल्समैनों पर अलग-अलग मामला दर्ज कर लिया है।
इस पूरे मामले में गंभीर सवाल भी खडे़ हो रहे हैं। खाद्य विभाग की जांच में सेल्समैनों की अनियमितता सामने एक वर्ष पहले आई थी। खानापूर्ति के लिए कोतवाली में लिखित शिकायत भी हुई, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में दबा रहा।
एक दूसरे पर पल्ला झाड़ने से इस बड़ी अनियमितता में खाद्य विभाग ने जिम्मेदारों के विरुद्ध विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई तक नहीं की।
बताया गया कि 64 लाख से अधिक का राशन गायब हुआ था। यह हाल जिले के दर्जनों अन्य राशन दुकानों का भी है। बडे़ स्तर से जांच में करोड़ों गायब होने का मामला उजागर हो सकता है।
राजनीतिक और विभागीय शह पर एक वर्ष से अटके मामले में मामला दर्ज हुआ। गाडासरई थाना में पुलिस ने आरोपित पिंडरूखी, कारोपानी व बिझौरी में समय पदस्थ रहीं सेल्समैन अलका मरावी, खरगहना राशन दुकान में पदस्थ रहे गंगाराम, गीधा में पदस्थ रहे सचिन मरावी कौडिया में पदस्थ रहे धनश्याम मरावी के विरुद्ध अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के साथ धारा 409 के तहत मामला दर्ज किया है।
इस मामले में शुरुआती दौर से ही गंभीर सवाल खडे़ हो रहे थे। छह सितंबर 2023 को ही एसडीएम ने इस मामले में जिम्मेदारों के विरुद्ध मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए थे।
आठ सितंबर को कोतवाली में शिकायत भी की गई, लेकिन मामला एक वर्ष तक अटका रह गया। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी का दावा है कि वे हर 15 दिन में कोतवाली जाकर मामला दर्ज करने की बात कहते रहे हैं, लेकिन पुलिस जांच की बात कह रही थी।
पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का दावा है कि इस गंभीर मामले के बारे में कोई सूचना भी नहीं दी गई। आरोप प्रत्यारोप के बीच मामला अटका रह गया और मनमानी करने वाले अलग अलग सोसायटियों में रहकर बेधडक काम करते रह गए।
जिले के गाडासरई थाना अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की दुकान खरगहना के विक्रेता गंगाराम पर 231 क्विंटल चावल, 1.78 क्विंटल गेहूं की अफरा तफरी कर लाभ अर्जित करने का आरोप था। उनके द्वारा कुल 9 लाख 36 हजार 883 रुपए का राशन गोलमोल किया गया था।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान कारोपानी की विक्रेता अल्का मरावी द्वारा 177.14 क्विंटल चावल, 21.86 क्विंटल गेहूं ,10 किलो शक्कर और 0.90 क्विंटल मूंग की अनियमितता कर कुल 7 लाख 81 हजार 681 रुपये की हेर फेर की गई थी।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान पिंडरुखी की विक्रेता रही अल्का मरावी द्वारा अपने कार्यकाल में ही 708.96 क्विंटल फार्टिफाइड चावल व 15.44 क्विंटल गेहूं की अफ़रा तफरी कर कुल 28 लाख 97 हजार 717 रुपये की मनमानी की गई थी।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान गीधा के विक्रेता सचिन मरावी द्वारा 37.48 क्विंटल फार्टिफाइड चावल, नमक और गेहूं की अफ़रा तफरी कर कुल एक लाख 72 हजार 858 रुपये की मनमानी की गई थी।
शासकीय उचित मूल्य कारोपानी के विक्रेता सचिन मरावी पर भी उनके कार्यकाल में चावल, नमक, शक्कर और गेहूं की अफ़रा तफरी का आरोप था।
कुल एक लाख 70 हजार 760 रुपए की राशि की मनमानी सामने आई थी। उचित मूल्य की दुकान कौड़िया के विक्रेता घनश्याम मरावी ने भी चार लाख 23 हजार 680 रुपए के राशन का हेर फेर किया था।
राशन दुकान बिझोरी में पदस्थ रहने के दौरान विक्रेता अल्का मरावी पर 4 लाख 40 हजार 189 रुपये और बिझोरी में ही पदस्थ रहे सेल्समैन गंगाराम पर 6 लाख 23 हजार 598 का ही स्पष्ट तौर पर उजागर हुआ था।