नईदुनिया प्रतिनिधि, डिंडौरी : जिला मुख्यालय के नर्मदा पुल पार बसे दो महत्वपूर्ण नगर अब डिंडौरी नगर परिषद की सीमा में शामिल हो गए हैं। दो वर्ष से दोनों नगरों को शामिल करने की प्रक्रिया राजपत्र में प्रकाशन न हो पाने के चलते अटकी हुई थी। 12 नवंबर को उपसचिव आरके कार्तिकेय के हस्ताक्षर से राज्यपाल के आदेश के बाद इसका प्रकाशन मप्र के राजपत्र में हो गया है।
वर्षों से मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हंसनगर और साकेत नगर के हजारों परिवारों को राहत मिलेगी। अब तक देवरा ग्राम पंचायत की सीमा में शामिल होने के चलते इन दोनों नगरों का समुचित विकास नहीं हो पा रहा था। लोग सडक, बिजली, पानी, नाली और सफाई न होने की समस्या से जूझ रहे थे।
नगर परिषद में शामिल होने से जहां दोनों नगरों में नियमित सफाई हो सकेगी, वहीं पक्की सड़क और नाली का निर्माण कार्य भी कराया जा सकेगा। वर्ष 2022 में तत्कालीन कलेक्टर रत्नाकर झा द्वारा दोनों नगरों की समस्याओं को देखते हुए इन्हें नगर परिषद में शामिल कराने के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। अब जाकर राजपत्र में प्रकाशन होने के बाद दोनों नगर डिंडौरी नगर परिषद में शामिल हो गए हैं।
राजपत्र में उल्लिखित किया गया कि साकेत नगर का 125.14 हेक्टेयर और हंसनगर का 74.10 हेक्टेयर संपूर्ण क्षेत्र नगर परिषद में शामिल कर लिया गया है। राजपत्र क्रमांक 315 में यह भी उल्लेख किया गया। इसी तरह अनुसूची दो में नगर परिषद डिंडौरी की पुनरीक्षण सीमा इस तरह निर्धारित की गई है।
उत्तर में शेष राजस्व ग्राम देवरा माल और विचारपुर रैयत रहेगी। पूर्व में राजस्व ग्राम डांड विदयपुर माल, घानाघाट, धनुवासागर निर्धारित किया गया है। दक्षिण में राजस्व ग्राम जमुनिया माल, खिरसारी, धौरई माल हैं जबकि पश्चिम में राजस्व ग्राम औरई माल, सुबखार रैयत बताई गई है।
नगर परिषद में शामिल होने से अब यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। नगर परिषद यहां स्ट्रीट लाइट लगाने के साथ नियमित गंदगी भी साफ कराएगी। कचरा वाहन भी घर-घर पहुंच सकेगा। यद्यपि अब तक बिना टैक्स अदा किए बडे़-बडे़ भवन खडे़ करने वाले लोगों को समस्या का सामना करना पडे़गा।
नगर परिषद से अनुमति लेने और निर्धारित टैक्स जमा करने के बाद ही लोग व्यवसायिक और आवासीय भवन बना सकेंगे। वार्षिक टैक्स भी लोगों को सुविधाओं के बदले लगेगा। कुछ लोग इसी के चलते नगर परिषद में शामिल होने का विरोध भी कर रहे थे।
बताया गया कि नगर परिषद वार्डों की सीमा भी निर्धारित करेगी। यहां से अब पंच की जगह पार्षद निर्वाचित होंगे, जो अपने क्षेत्र का समुचित विकास कर सकेंगे। ग्राम पंचायत देवरा में शामिल होने के बाद भी यहां पंचायत द्वारा कोई विकास कार्य नहीं कराया जाता था। बजट की समस्या बताकर जिम्मेदार पल्ला झाड़ लेते थे। अब लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। गौरतलब है कि हंस नगर और साकेत नगर में शहर की बडी आबादी निवास करती है। उसके बाद भी यहां समस्याओं का कोई हल नहीं हो पा रहा था।