Jogi Bhadak Waterfall: गुजरी, धार, नईदुनिया न्यूज। विंध्याचल की गोद में बसे जोगी भड़क में चारों तरफ हरियाली छाई हुई है। वर्षा के दिनों में यहां बड़ी संख्या में भ्रमण करने सैलानी पहुंचते हैं। खासकर शनिवार व रविवार के साथ ही अवकाश के दिनों में सैलानियों की संख्या अधिक रहती है। इनमें कुछ सैलानी सेल्फी व फोटोग्राफी करने के दौरान जान जोखिम में डाल रहे हैं।
कोई झरने के पास पहुंचकर जान जोखिम में डाल रहा है तो कोई बीच नदी में जाकर सेल्फी लेकर खतरा उठा रहा है। पुलिया पर ही सैलानियों ने अपनी कार खड़ी कर रखी है। ऐसे में अगर जरा-सा भी संतुलन बिगड़ा तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है। रविवार को न तो कोई पुलिसकर्मी और न ही सुरक्षाकर्मी यहां मौजूद था। पंचायत ने भी जागरूकता संबंधी बोर्ड नहीं लगाया था।
यदि आप मांडू जाने की सोच रहे हैं तो जोगी भड़क भी जा सकते हैं। वर्षा के चलते इन दिनों यहां चारों ओर हरियाली छाई हुई है। गुजरी से 11 किमी दूर विंध्याचल की गोद में बसा जोगी भड़क झरना इन दिनों सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। यह स्थान घने जंगल के बीच है। यहां करीब 400 फीट ऊपर से झरना गिरता है, जो आकर्षण का केंद्र है।
एक नदी व छोटा झरना भी है। इसमें 100 फीट ऊपर से कूदकर लोग नहाते हैं। झरनों के साथ ही वर्षा में कल-कल बहती नदी तथा मोर की आवाज लुभाती है। सुविधा के अभाव में पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। रविवार को सैकड़ों की संख्या में सैलानी यहां पहुंचे थे। बावजूद प्रशासन द्वारा सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
जोगी भड़क में नदी में लोग लापरवाहीपूर्वक नहाते रहे, तो कुछ नदी में पैर डालकर बात करते देखे गए। कोई सेल्फी ले रहा था तो कोई झरने के बीच कूदकर नहा रहा था। ऐसे में यदि अचानक नदी में पानी का बहाव तेज हो जाए तो हादसा हो सकता है। दो साल पहले नदी में अचानक पानी बढ़ने से वहां खड़े ग्रामीणों ने आवाज लगाई कि भागो-भागो, तब वहां नदी में बैठे करीब 40-50 सैलानियों ने दौड़ लगाकर अपनी जान बचाई थी। उसके बाद भी इस तरह की लापरवाही की जा रही है।
जोगी भड़क में 400 फीट ऊपर से गिरता हुआ झरना आकर्षण का केंद्र है। सैलानी जहां से झरना गिरता है, वहां तक पहुंच रहे हैं। ऐसे में अगर नदी में बहाव तेज हुआ तो सीधे खाई में गिरने का डर है। साथ ही सेल्फी लेते समय अचानक पैर फिसला तो सीधे 400 फीट नीचे खाई में जा गिर सकतें हैं। इसके बावजूद भी सैलानी झरने के पास पहुंचकर सेल्फी ले रहे हैं।
जोगी भड़क में पैर फिसलने से झरने में गिरे युवकों की मौत हो चुकी है। दो बार इस तरह के हादसे हुए हैं। पिछले साल एक अगस्त 2022 को हादसा हुआ था। बेतूल निवासी युवक इंदौर में इंजीनियर की पढ़ाई कर रहा था। वह जोगी भड़क घूमने आया था, तभी नहाने के दौरान पैर फिसलने के कारण नदी के तेज बहाव में बह गया और उसकी मौत हो गई थी। 14 सितंबर 2020 को अजनार नदी में पानी बढ़ने से जोगी भड़क की नदी में अचानक पानी बढ़ गया।
बच्चों ने दौड़कर शोर मचाया तब जाकर सैलानियों ने दौड़कर अपनी जान बचाई थी, किंतु पुलिया पर खड़ी तीन कारें बह गई थी। उस वक्त कार में कोई भी सवार नहीं था। ग्रामीणों ने एक कार को तो रस्सी से बांधकर रोक लिया, किंतु दो कारें नदी के तेज बहाव में बह गई थी। एक कार 100 मीटर आगे जाकर बड़े पत्थर में अटककर रुक गई। तीसरी कार झरने में जा गिरी, जिसका दो साल बीत जाने के बाद आज तक पता नहीं लग पाया। उसके बाद भी यहां आ रहे सैलानी लापरवाही बरत रहे हैं।