Jain Diksha in Dhar: धार (नईदुनिया प्रतिनिधि)। धार जिले के राजगढ़ नगर के पारख परिवार की उच्च शिक्षित बेटियों की दीक्षा शनिवार को नगर के उदय पैलेस गार्डन में विधिपूर्वक गणीवर्यश्री आनंदचंद्र सागरजी, साध्वीश्री दमिता श्रीजी एवं हेमप्रज्ञाजी की निश्रा में हजारों लोगों की मौजूदगी में हुई। गणीवर्यश्री ने पलक पारख को साध्वीश्री सिधर्षि श्रीजी एवं उसकी छोटी बहन मुस्कान को साध्वीश्री राजेश्वरी निधि श्रीजी नाम दिया।
दीक्षार्थी पलक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजगढ़ व उच्च शिक्षा इंदौर से हासिल की है। पलक ने बीबीए-एमबीए किया है। जबकि छोटी बहन मुस्कान वाणिज्य संकाय से स्नातक हैं। पहले पलक के मन में संयम भाव जागृत हुए। इसका अनुसरण करते हुए छोटी बहन मुस्कान भी इस पथ पर आगे बढ़ गईं।
दीक्षा के बाद संयम जीवन में उपयोग आने वाले उपकरणों के चढ़ावे हुए। इसमें श्रद्धालुओं ने बोली लगाई। दीक्षा के पूर्व दोनों बहनों ने अंतिम बार प्रभु की पूजा-अर्चना की, क्योंकि दीक्षा के बाद प्रभु की पूजा नहीं करने की मान्यता है। दोनों बहनों ने सभी साधु-साध्वियों की कांबली ओढ़ाई। इसके बाद बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं की मौजूदगी में दीक्षा विधि प्रातः 10 बजकर 32 से प्रारंभ होकर दोपहर सवा एक बजे तक चली।
प्रभु की तीन परिक्रमा के बाद गणीवर्यश्री ने मंत्रोच्चार कर दीक्षा विधि प्रारंभ कराई। उनके केशलोचन की विधि मंच पर की गई। उनकी माता को केश भेंट किए गए। दीक्षा के बाद नवदीक्षित साध्वियों के उपयोग में आने वाले उपकरण के करीब 14 लाख के चढ़ावे हुए। इस दौरान बंधु बेलड़ी आचार्यश्री हेमचंद्र सागरजी के आशीर्वाद पत्र का वाचन भी किया गया।
नवदीक्षित साध्वी दोपहर तीन बजे प्रथम विहार कर मोहनखेड़ा गेट स्थित तलेटी पहुंचीं। रविवार सुबह नवदीक्षित साध्वियों के घर पर पगलिया का आयोजन होगा। दीक्षा समारोह में इंदौर, रतलाम, उज्जैन व अहमदाबाद से श्रद्धालुओं ने सहभागिता की थी।