
-नौगांव में बनने वाले रेलवे स्टेशन के लिए रेलवे ने पुनर्विचार शुरू किया
-शहर के मध्य क्षेत्र से रेलवे स्टेशन की दूरी बढ़ने की संभावना
धार। इंदौर-दाहोद रेल परियोजना के तहत जिले में जमीन अधिग्रहण का काम धीमी गति से चल रहा है। उधर धार के नौगांव क्षेत्र में रेलवे स्टेशन की लोकेशन पर पुनर्विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि पहले से प्रस्तावित रेलवे स्टेशन की लोकेशन में कुछ बदलाव किया जाएगा। वजह यह बताई जा रही है कि इंदौर-अहमदाबाद फोरलेन बन जाने के बाद क्षेत्र में फोरलेन के आसपास विकास कार्य होंगे। ऐसे में रेलवे द्वारा कुछ बदलाव किए जाने पर विचार शुरू किया गया है। नौगांव क्षेत्र में रेलवे स्टेशन बनना तय है लेकिन उसे कितना रतलाम की ओर ले जाया जाएगा यह अब तय होना है। दूसरी ओर पीथमपुर की बाधा अभी तक दूर नहीं हो पाई है। इसलिए माना जा रहा है कि रेल परियोजना में काफी लंबा वक्त लग जाएगा।
गौरतलब है कि इंदौर-दाहोद रेल परियोजना जिले के लोगों के लिए सपना बन चुकी है। ये सपना कब पूरा होगा यह नहीं कहा जा सकता। लगातार कई वर्षों से केवल उम्मीद के सहारे ही लोग जिले में रेल सुविधा का इंतजार कर रहे हैं। हालत यह है कि प्रधानमंत्री द्वारा योजना का शुभारंभ होने के बावजूद इस कार्य को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया गया। अब जबकि धार जिले की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है तो सिंहस्थ के कारण देरी हो रही है।
सिंहस्थ के बाद आएगी गति
सूत्रों के अनुसार रेल परियोजना के कार्य में प्रगति आगामी दिनों में ही हो पाएगी। इसकी वजह यह है कि इस समय जिले का राजस्व अमला भी सिंहस्थ संबंधी कार्य में व्यस्त है। इसके चलते अप्रैल और मई में किसी भी तरह से रेल परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण के लिए आगामी कार्रवाई नहीं हो सकती है। भू-राजस्व संहिता की धारा 11 के तहत नोटिस जारी हो चुके हैं। लेकिन अन्य धाराओं के तहत प्रक्रिया होने में अभी समय लगेगा। इस वजह से दिक्कत होगी।
री-लोकेशन पर इसलिए हो रहा विचार
सूत्रों के अनुसार धार रेलवे स्टेशन को लेकर जो री-लोकेशन की स्थिति बनी है उसके पीछे कारण यह है कि इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग का फोरलेन का काम हर हाल में पूरा हो जाएगा। अब रेल परियोजना के तहत रेलवे स्टेशन को सही लोकेशन पर रखना जरूरी है। वर्तमान में शहर के नौगांव क्षेत्र में रेलवे स्टेशन आ रहा है। सूत्रों की मानें तो करीब 100 से 500 मीटर तक रेलवे स्टेशन में बदलाव होगा। इस बदलाव के कारण शहरवासियों को रेलवे स्टेशन की सौगात कुछ दूर मिल सकती है। दरअसल ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि फोरलेन के आसपास आबादी विकसित होने की संभावना रहती है। ऐसे में कहीं न कहीं दिक्कत होगी।
टनल निर्माण का मामला टला
इंदौर-दाहोद रेल परियोजना में एक बड़ी बाधा पीथमपुर क्षेत्र है। यहां पर रेल परियोजना के तहत आगे काम हो पाना संभव नहीं है। क्योंकि पीथमपुर में टनल निर्माण को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। यह मामला लंबे समय से टलता आ रहा है। इस स्थिति में परियोजना को पूरा होने में बरसो लग जाएंगे। जबकि अब तक इस मामले में फैसला हो जाना चाहिए था। रेलवे सूत्रों की माने तो अब टनल निर्माण को लेकर मुंबई स्थित पश्चिम कार्यालय पर ही कोई निर्णय होना है। इसके लिए पश्चिम रेलवे के अधिकारी का निर्णय महत्वपूर्ण रहेगा। जब तक पीथमपुर में रेलवे ट्रेक की स्थिति स्पष्ट नहीं होती तब तक टीही से आगे निर्माण होना संभव नहीं होगा। केवल अर्थवर्क करके काम को छोड़ना होगा। इसलिए इस रेल परियोजना में महत्वपूर्ण रूप से टनल निर्माण का फैसला करना जरूरी है।
समयसीमा तय की जाना जरूरी
इस रेल परियोजना को केंद्र सरकार का रेलवे विभाग तभी पूरा कर पाएगा जबकि इसे समयसीमा में लिया जाए। यदि रेल विभाग यह टारगेट बनाता है कि इंदौर-दाहोद रेल परियोजना को सन 2020 में पूरा करना है तो उसके लिए उसे बजट और मानव संसाधन दोनों की व्यवस्था करना होगी। वरना समय का टारगेट सेट किए बिना रेल परियोजना की पूर्णता बरसों समाप्त नहीं हो पाएगी। - निप्र