-मातृ शक्ति सम्मेलन के साथ ही वसंत उत्सव का समापन, रहे सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
-महिलाओं का आरोप- प्रशासन ने हमारे साथ भेदभाव किया है
धार (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मातृ शक्ति सम्मेलन के साथ ही वसंत उत्सव का समापन हो गया है। नमाज और पूजा होने से पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। शुक्रवार को नमाज के बाद भोज उत्सव समिति ने भोजशाला में गेट पर पूजा-अर्चना कर मां सरस्वती की आरती की। इससे पहले मां सरस्वती के चित्र को भोजशाला के अंदर ले जाने को लेकर मातृशक्ति और पुलिस प्रशासन के बीच जमकर बहस हुई। कई महिलाएं तो इतना आक्रोशित हो गई थी कि उन्होंने कमलनाथ सरकार पर नाराजगी व्यक्त की। एक महिला ने तो चूड़ी फेंक कहा कि कमलनाथ ये चूड़ी पहन लो।
भोजशाला के प्रवेश के गेट से दस कदम दूर हाथों में मां सरस्वती की प्रतिमा लेकर महिला खड़ी हो गईं। सिटी मजिस्ट्रेट दिव्या पटेल समझाने पहुंची। तो गुस्से में महिलाओं ने कहा कि हमें मां सरस्वती के चित्र को अंदर ले जाने दिया जाए। ताकि हम पूजा-पाठ कर सकें। चित्र को अंदर लेकर जाने को लेकर महिलाएं अड़ी रही। कहा- हमने प्रशासन को पूरा सहयोग किया, लेकिन प्रशासन भेदभाव कर रहा है। वहीं 20 मिनट के हंगामे और बहस के बाद भोजशाला के गेट के पास मां सरस्वती का चित्र रखकर गेट पर पूजा-पाठ की गई। मां की आरती के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ। इसी दौरान बड़ी संख्या में गेट पर पुलिस बल तैनात किया गया था।
कड़ी सुरक्षा में हुई नमाज
दोपहर 1 बजे नमाज के लिए शहर के साथ ही जिले के लोग भी पहुंचे। करीब 2080 लोग नमाज के लिए पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने सतर्कता बरती। एसटीएफ जवान गेट पर तैनात किए गए थे। नमाज के बाद एक मार्ग को बंद कर दिया था। मोतीबाग चौक की बजाए सभी का हाथी थान वाले मार्ग से निकासी दी गई। हालांकि कुछ लोगों ने दूसरी ओर जाने का प्रयास किया, जिस पर पुलिस ने उन्हें समझाइश देकर एक ही रास्ते से भेजा।
महिलाओं की जिद, प्रशासन भी अड़ा रहा
पूजा से पहले गेट पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। समिति की कुछ महिलाएं पूजा को लेकर हाथ में मां सरस्वती का तैल चित्र लेकर पहुंची। कहा- हमें चित्र लेकर अंदर जाने दीजिए। मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट दिव्या पटेल ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़ी रहीं। कहा कि प्रशासन ने हमारे साथ भेदभाव किया है। हमें अंदर मां सरस्वती की पूजा करने के लिए जाने दिया जाए। कहा कि आज मातृ शक्ति नहीं रुकेगी। हम अंदर जाकर ही पूजा करेंगे। उन्होंने राजा भोज के नारे लगाए। महिलाओं ने कहा कि हम पांच महिलाओं को पूजा करने जाने दो, लेकिन प्रशासन ने साफ मना कर दिया। इसके बाद महिलाओं ने भजन गाए और देहरी पर पूजन किया गया।
छवनी बनी भोजशाला... कलेक्टर और एसपी रहे मौजूद
पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापाक इंतजाम किए थे। कलेक्टर श्रीकांत बनोठ और एसपी आदित्य प्रतापसिंह सुबह से ही भोजशाला में मौजूद रहे। जबकि एएसपी देवेंद्र पाटीदार व सीएसपी डॉ. रजनीश काश्यप ने सुरक्षा की कमान संभाली। वहीं प्रशासन में सिटी मजिस्ट्रेट दिव्या पटेल, एडीएम एस. सोलंकी और तहसीलदार भास्कर गाचले सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। वहीं मुख्य गेट पर एसडीएफ की टीम को तैनात किया गया था। साथ ही कई एसडीओपी स्तर के अधिकारियों की तैनाती की गई थी। सुबह से भोजशाला जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग की गई थी। सिर्फ स्कूली वाहनों को ही आने-जाने दिया गया। वहीं ट्रैफिक की जिम्मेदारी राजेश बारवाल ने संभाली।
मस्जिद के पास गेट को बैरिकेड्स लगाकर कपड़े से ढंका, जवान किए तैनात
नमाज के बाद भोजशाला के गेट तक बैरिकेड्स को सफेद कपड़े से ढंक दिया। साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। नमाज के बाद एंट्री के लिए बैरिकेडिंग भी बदली गई। मुख्य गेट पर भोजशाला के लगे पोस्टर से भी कपड़ा हटाया गया। इस मौके पर खासकर एसटीएफ के जवानों को तैनात किया गया था।
इधर...उषा ठाकुर भोजशाला नहीं गई...कहा मन नहीं किया-
मुख्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उषा ठाकुर धार पहुंचीं। वे मोतीबाग चौक पर मंदिर में दर्शन के बाद संबोधित कर लौट गईं। उन्होंने कहा कि वे मां सरस्वती की प्रतिमा को लाने के लिए संकल्पित हैं। जब तक भोजशाला में प्रतिमा स्थापित नहीं होती है तब तक भोजशाला में जाकर पूजा पाठ करने का मन नहीं करता है। उषा ठाकुर ने पुराने आंदोलन को भी याद किया।
आयोजन में देरी को लेकर बार-बार समिति के लोग प्रशासन से मिलते रहे
नमाज खत्म होने के बाद भोजशाला खाली होने में समय लगा। मुख्य अतिथि उषा ठाकुर मोतीबाग के मंदिर में पहुंच गई, लेकिन भोजशाला खाली होने में समय लग रहा था। इसके लेकर समिति के लोग बार-बार प्रशासन से मिल रहे थे। समिति ने गेट पर भोजशाला के प्रवेश द्वार पर लगा कपड़ा हटवाया। इससे गेट पर झंडे लगाए गए।