नईदुनिया प्रतिनिधि, देवास। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी, जिन्होंने मई 2023 में कांग्रेस का दामन थामा था, अब एक बार फिर भाजपा में लौट आए हैं। दीपक जोशी की भाजपा में वापसी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, खासकर उनके पुराने बयान और आरोपों को लेकर, जो उन्होंने भाजपा और शिवराज सिंह चौहान पर लगाए थे। उनकी घर वापसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई कयास लगाए जा रहे हैं।
दीपक जोशी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा था। कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने कई गंभीर आरोप भाजपा नेताओं, खासकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर लगाए थे। जोशी ने यह आरोप भी लगाया था कि भाजपा ने उनके पिता स्व. कैलाश जोशी का सम्मान नहीं किया।
हालांकि, चुनाव हारने के बाद जोशी का कांग्रेस में अस्तित्व कम होने लगा। उन्होंने भाजपा में लौटने की राह तलाशनी शुरू कर दी थी। भाजपा में वापसी की शुरुआत तब हुई, जब वे आठ महीने पहले भोपाल भाजपा कार्यालय गए थे और पार्टी में लौटने के संकेत दिए थे। हालांकि, तब उनका मामला अटक गया था। उन्होंने वापस लौटकर कहा था कि वे भाजपा से माफी नहीं मांगेंगे।
दीपक जोशी की भाजपा में वापसी की पटकथा पिछले कुछ महीनों से लिखी जा रही थी। भाजपा के कुछ नेताओं से लगातार संपर्क में रहने के बाद, जोशी ने गुपचुप तरीके से पार्टी में वापसी की। इस बार उन्होंने बिना किसी को बताए और बिना किसी विरोध के भाजपा में प्रवेश किया। चर्चा है कि उनकी नाराजगी का सबसे बड़ा कारण पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से था, लेकिन उनके सामने ही पार्टी में शामिल होने का कदम उठाया गया, जिससे यह संदेश जाए कि दोनों के बीच अब कोई मनमुटाव नहीं है।
इससे पहले दीपक जोशी ने शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ तीखे आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी की मृत्यु के बाद भी मुख्यमंत्री ने मदद नहीं की और मप्र को भ्रष्टाचार का गढ़ करार दिया था।
दीपक जोशी ने भाजपा में वापसी के बाद कहा कि यह मेरा घर है, यहां मेरी पूरी जिंदगी बिती है। मैंने गलती की थी, जिसे अब सुधार लिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पगडंडी से लेकर हवाई जहाज तक का सफर भाजपा में रहते हुए ही तय किया और अब यह उनका सही स्थान है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने कहा कि दीपक जोशी की वजह से ही देवास जिले की पांचों सीटें कांग्रेस हारी थी। उनका कहना था कि जोशी कांग्रेस को तहस-नहस करने के उद्देश्य से पार्टी में आए थे। वह इस मामले में काफी हद तक सफल भी हुए थे।
दीपक जोशी की वापसी भाजपा के लिए एक लाभप्रद अवसर हो सकता है, खासकर देवास जैसे जिले में जहां उनकी गहरी राजनीतिक पैठ रही है।