Loksabha Election 2024 चंद्रप्रकाश शर्मा, देवास। दलबदल की सियासत के बीच देवास में कांग्रेस नई उलझन में है। यह उलझन है चुनावी मुद्दे और नेतृत्व। कांग्रेस ने लोकसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी तो तय कर दिया, लेकिन अब मुद्दों को तलाशा जा रहा है। विकास के मुद्दे के अलावा भाजपा प्रत्याशी की छवि और व्यवहार को मुद्दा बनाया जाएगा। कार्यकर्ताओं से भी सुझाव लिए जाएंगे कि क्या-क्या मुद्दे हो सकते हैं। पुरानी गलतियों को कैसे दूर करें, नई संरचना कैसे बनाएं इन सब बातों पर मंथन चल रहा है।
दरअसल कांग्रेस ने देवास-शाजापुर लोकसभा सीट से राजेंद्र मालवीय को प्रत्याशी बनाया है। मालवीय मूल रूप से इंदौर के हैं। दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि जीत नहीं सके। उनके पिता राधाकिशन मालवीय कांग्रेस का बड़ा नाम रहे हैं और मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। राज्यसभा सदस्य व केंद्रीय मंत्री रहे। पिता भी दो बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन दोनों बार हारे।
कांग्रेस के लिए चुनाव में पहली समस्या प्रत्याशी की थी जो हल हो गई, लेकिन अब मुद्दों को तलाशा जा रहा है। कांग्रेस नेताओं ने तय किया है कि वे भाजपा के प्रत्याशी और मौजूदा सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी के व्यवहार और छवि को जनता के बीच ले जाएंगे। भाजपा नेताओं द्वारा लिखे गए पत्रों को मुद्दा बनाएंगे कि उनकी ही पार्टी के लोग विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर ड्राफ्टिंग की जा रही है।
देवास-शाजापुर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा आती हैं। आठों विधानसभा सीटों पर भाजपा काबिज है। कांग्रेस गुटों में बंटी है और कुछ दिन पहले तक कांग्रेस नेताओं के भाजपा में जाने की अटकलें भी चल रही थी। ऐसे में कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती तो यही है कि कार्यकर्ताओं का मनोबल कैसे बढ़ाए। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने कबीर भजनों के माध्यम से घर-घर तक पैठ बनाने वाले प्रह्लादसिंह टिपानिया को उम्मीदवार बनाया था, जो साढ़े तीन लाख से अधिक मतों से हारे थे। इसके बाद सक्रिय राजनीति से दूर ही रहे। ऐसे में नए प्रत्याशी मालवीय के लिए पूर्व के चुनाव के परिणाम और तैयारियों के लिहाज से टीम तैयार करना भी चुनौतीपूर्ण है।
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराकर कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना हुई थी। भाजपा मोदी की गारंटी के नाम पर जनता के बीच जा रही है तो कांग्रेस का विजन अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या मुद्दा लेकर जाएं। इसी चिंता के चलते कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं से सुझाव ले रही है कि मुख्य मुद्दे क्या रहेंगे। आगामी दिनों में कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाकर इसकी रूपरेखा तय की जाएगी। कार्यकर्ताओं से पूछा जाएगा कि जो गलतियां पूर्व में हुई हैं उन्हें कैसे सुधारें और किस तरह नई संरचना बनाएं।
भाजपा के मोदी की गारंटी नारे की काट भी कांग्रेस खोज रही है। हालांकि दबी जुबान कांग्रेसी स्वीकार कर रहे हैं कि भाजपा जैसी लीडरशिप का कांग्रेस में अभाव है। देवास जिला (शहर) कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी का कहना है कि पार्टी ने तैयारी की है। मुद्दों को लेकर जनता और कार्यकर्ता दोनों से सुझाव मांगेंगे। भाजपा प्रत्याशी की छवि और निष्क्रियता मुख्य मुद्दा रहेगा।