नईदुनिया प्रतिनिधि, देवास: मंगलवार को सामने आया जब एक किसान राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली के संबंध में पोस्टर बनाकर जनसुनवाई में पहुंचा। इस पोस्टर में विस्तार से बताया गया कि राजस्व विभाग में कैसे काम होता है। तहसीलदार को इंगित कर नीचे सिलसिलेवार नामांकन, बटांकन और सीमांकन से जुड़ी समस्याएं बताईं।
किसान ने पोस्टर में बताया कि कैसे किसानों को गुमराह किया जाता है। कहा जाता है कि आदेश हो गए हैं, लेकिन महीनों बीतने के बाद भी किसानों तक आदेश नहीं पहुंचे। आखिर में जब किसान सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करता है तो उसे अधिकारी कहते हैं कि यह शिकायत वापस ले लो, तभी काम संभव होगा।
इंदौर निवासी पंकज मंडलोई यह पोस्टर लेकर पहुंचे थे। मंडलोई ने देवास जिले के हाटपीपल्या में जमीन खरीदी है, जहां जैविक खेती करना चाह रहे हैं। ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देना उद्देश्य है। जो जमीन उन्होंने खरीदी थी वह सीमांकन के दौरान कम निकली। इसके बाद से वे लगातार राजस्व विभाग के चक्कर काट रहे, लेकिन सुधार नहीं हो रहा।
विवादों में रहने वाले राजस्व विभाग की कार्यशैली पर अक्सर सवाल उठते हैं। कभी आरोपों की जद में पटवारी आते हैं तो कभी आरआई। तहसीलदार-एसडीएम तक भी आंच पहुंचती हैं, लेकिन शिकायतों का असर नहीं होता। कुछ लोग इतने परेशान होते हैं कि वे थक-हारकर नए तरीके अपनाते हैं, ताकि समस्या का समाधान हो जाए।
इस तरह की समस्या से हर किसान को जूझना पड़ रहा है। राजस्व विभाग की पेचीदगी के कारण जमीन पर खेती करने वाला किसान उलझ जाता है और परेशान होता है। इसलिए इस तरह का चार्ट बनाकर किसानों की समस्या बताई। घटनाक्रम के दौरान किसान द्वारा बनाया गया पोस्टर सुर्खियों में रहा और राजस्व महकमे के अधिकारी इधर-उधर देखते रहे। कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए हैं।