Datia News: दतिया (सेंवढ़ा)। नईदुनिया न्यूज। आस्था और विश्वास का जींवंत उदाहरण सोमवार को रतनगढ़ माता मंदिर परिसर में देखा गया। प्रशासन द्वारा कोविड संक्रमण का हवाला देकर मेले को स्थगित कर दिया था। अचानक हुुई तेज बारिश और ओलों के साथ चलती सर्द हवाएं लोगों को घरों के अंदर कैद कर रहीं थीं। बावजूद इसके माता के भक्त जंगल और पहाड़ के बीच जयकारे लगाते हुए रतनगढ़ माता मंदिर पर जा रहे थे। मंदिर से 12 किलोमीटर दूर पार्किंग बनाई गई। पूरी कोशिश थी कि लोग कम आएं, बावजूद इसके खुद प्रशासन 20 लाख से अधिक लोगों के द्वारा सकुशल दर्शन कर लेने का दावा कर रहा है। एडीशनल एसपी कमल मौर्य के अनुसार 25 लाख से अधिक लोगों ने माता के दर्शन किए।
एक तरफ तो प्रशासन की चेतावनी तो दूसरी तरफ रविवार रात से मौसम खराब हो गया। पूरी रात माता मंदिर क्षेत्र में बारिश हुई। व्यवस्था के लिए लगाए गए टेंट उड़ गए। माइक निकल गए और कई जगह बिजली भी गुल हो गई पर भक्ति का ऐसा स्वरूप देखा गया कि छोटे छोटे बच्चों को लिए महिलाएं पैदल ही चलती रहीं।मुंह से जयमाता की का नारा लगाते हुए पूरी रात लोगों के आने का सिलसिला जारी रहा।
मेले के स्थगन की जानकारी के बाद बेफिक्र प्रशासन के सामने केवल चुपचाप लोगों को निकलने देने की मजबूरी थी। एसपी अमन सिंह राठौड़ के अनुसार जब लाखों लोग मंदिर पहुंच गए, तो हमारे सामने एक ही चुनौती थी कि लोग एक जगह न रुकें। इसलिए पूरे प्रशासन ने दर्शनार्थियों को दर्शन के उपरांत सीधे चलने दिया। सुबह तक 12 किलोमीटर के क्षेत्र में केवल माता के जयकारों की आवाज और लोगों की बेतहाशा भीड़ थी।
प्रशासन ने दूल्हादेव पर वाहन रोकने के निर्णय की जानकारी मीडिया को दी थी, पर बगैर दूल्हादेव पार्किंग फुल हुए मंदिर से 12 किलोमीटर दूर भगुवापुरा में ही वाहन रोक दिए गए। इससे भी पैदल चलने वालों का हौसला कम नहीं हुआ। दिन के 2 बजे तक प्रशासन ने 15 लाख के सकुशल दर्शन का दावा किया। हर वर्ष की तरह इस बार भी पंचायत विभाग के कर्मचारियों ने पुल के पास ही स्ट्रेचर तैयार रखे थे।
जैसे ही बंध पीड़ित लोग आते, उनको स्ट्रेचर दिया जाता पर बंध पीड़ितों की संख्या इतनी अधिक थी कि कई लोग सीधे अपने कंधे पर ही पीड़ित को मंदिर तक ले गए। मान्यता है कि सांप या अन्य जहरीले जानवर के काटने से अचेत व्यक्ति एक बार झाड़ने के बाद स्वस्थ हो जाता है। एडीशनल एसपी कमल मौर्य के मुताबिक 30 लाख लोगों ने सकुशल दर्शन किए।