दतिया (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मंगलवार को जारी हुई कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची में भिंड-दतिया संसदीय सीट से पार्टी ने मुखर दलित नेता फूलसिंह बरैया को इस बार अपना उम्मीदवार बनाया है। बरैया वर्तमान में दतिया जिले की भांडेर विधानसभा सीट से विधायक हैं। बरैया अपने राजनीतिक जीवनकाल में पहले भी सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं।
ग्वालियर संसदीय सीट से कांग्रेस के माधवराव सिंधिया के खिलाफ भी चुनाव लड़े थे, लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। पहली बार 1998 में बरैया भांडेर विधानसभा से विधायक बने, इसके बाद उन्हें 2023 के चुनाव में इसी सीट से विजयश्री मिली।
उल्लेखनीय है कि भिंड-दतिया संसदीय सीट पर 35 साल बाद दतिया जिले से संबद्ध किसी प्रतिनिधि को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है। अब से पहले आखिरी बार 1984 में दतिया राजघराने के कृष्णसिंह जूदेव को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था, उन्होंने जीत का स्वाद चखा था, इसके बाद पार्टी ने उन्हें 1989 में एक बार फिर मैदान में उतारा, लेकिन तब भाजपा के नरसिंह राव दीक्षित के जीतने के बाद से यह सीट भाजपा के कब्जे में चली गई थी। उसके बाद से इस सीट से भिंड क्षेत्र के प्रत्याशी ही दोनों पार्टी उतारती आ रही है, लेकिन इस बार चुनाव में एक बार फिर दतिया जिले के किसी प्रतिनिधि को मौका दिया गया है।
बरैया के मैदान में उतरने से कांग्रेसी भी उत्साहित है। वर्तमान में इस सीट से भाजपा की संध्या राय सांसद हैं, जिन्होंने 2019 के चुनाव के कांग्रेस के आशीष जरारिया को हराया था। संध्या राय को भी पार्टी ने दोबारा इस सीट से मौका दिया है।
अपनी बयानबाजी के चलते अक्सर चर्चाओं में रहने वाले बरैया ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की 50 सीटों से ज्यादा जीत पर अपना मुंह काला करवाने की बात कही थी। उनका यह बयान उस दौरान खासा चर्चाओं में भी रहा, जिसके बाद दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में उन्होंने प्रतीकात्मक तौर पर अपने मुंह पर काला टीका लगवाकर इस वचन को पूरा किया था।
इससे पहले भी वह प्रशासनिक अधिकारी और भाजपा नेताओं पर कई सार्वजनिक मंचों पर विवादित टिप्पणी करते रहे हैं। भिंड दतिया संसदीय सीट से टिकट मिलने के बाद बरैया का कहना था कि वर्तमान में देश में बेरोजगारी बड़ी समस्या है। अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो इस दिशा में कारगर प्रयास होंगे।