नईदुनिया, दमोह (Damoh Crime)। पुलिस का इन इलाकों पर भी किसी भी प्रकार का कोई अंकुश नहीं है। बुधवार रात्रि ही दमोह शहर के कोतवाली थाना अंतर्गत पुलिस लाइन दमोह में कुम्हारी थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक नागेंद्र सिंह राजपूत के शासकीय क्वार्टर के बाहर से उसकी कार एवं कार में रखे हुए चार लाख रुपये के जेवरात अज्ञात चोर चुरा कर ले गए।
दमोह के कुम्हारी थाना में पदस्थ नागेंद्र सिह राजपूत के पुलिस लाइन के शासकीय आवास से उसकी कार एवं कार में रखे हुए चार लाख के जेवरात अज्ञात चोर चुरा कर ले गए। कोतवाली पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर तलाश की जा रही है।
कोतवाली में ही पदस्थ पुलिस आरक्षकों नरेन्द्र पटैरिया और सौरभ जैन के घर पर चोरी हो जाने के छह माह से अधिक दिन बाद भी पुलिस चोरों का सुराग नहीं लगा पाई है और जबकि अपराधों की अंकुश होने की बात कोतवाली पुलिस करती है, लेकिन अपराधों पर किसी भी प्रकार का कोई अंकुश नहीं है।
कोतवाली में ही पदस्थ दो आरक्षकों के घर से दिनदहाड़े चोरी हो जाने के छह महीने बाद भी कोतवाली पुलिस चोरों की तलाश नहीं कर पाई है। आरक्षक स्वयं भी लगातार प्रयासरत हैंं, लेकिन इसके बाद भी किसी भी प्रकार की सफलता हाथ नहीं लग पा रही है। जब कोतवाली में ही पदस्थ आरक्षकों के घर पर चोर दिन दहाड़े हाथ साफ कर सकते हैं तो आम नागरिक कहां तक सुरक्षित है।
पुलिस का हमेशा की तरह जांच जारी है और आरोपितों की पहचान के लिए पुलिस टीम गठित कर तलाश की जा रही है। अभी तक क्या कार्रवाई की गई यह किसी को नहीं पता। पुलिस एफआईआर दर्ज करने के बाद कोतवाली में ही बैठकर जांच करती रहती है और रोजनामचा में साना डालकर अपनी औपचारिकताओं को पूर्ण करते हैं, जबकि मैदानी स्तर पर चोरों को तलाश करने में पुलिस का किसी भी प्रकार का सक्रियता कहीं पर भी नजर नहीं आती है।
पूर्व में भी घटित चोरियों के मामले में कोतवाली पुलिस की लचर व्यवस्था स्पष्ट रूप से दस्तावेज प्रमाण के साथ प्रस्तुत की जा सकती है। चोरी होने के बाद विवेचना अधिकारी द्वारा घटनास्थल पर न जाने के बाद भी फर्जी तरीके से कागजी तैयारी दर्शाते हुए अपनी जांच रिपोर्ट फर्जी तरीके से लगातार ही तैयार की जाती है, जबकि मैदानी स्तर पर ना तो यह विवेचना अधिकारी घटनास्थल पर जाते हैं और ना ही किसी प्रकार की पूछताछ स्वजनों एवं संदिग्धों से करते हैं, जिससे इस प्रकार की घटना लगातार ही घटित हो रही है।