Damoh News : दमोह, नई दुनिया प्रतिनिधि। हिजाब को लेकर चर्चा में आए दमोह के गंगा जमुना स्कूल में लगातार ही परत दर परत किसी न किसी मामले का खुलासा होता जा रहा है। जहां सबसे पहले हिज़ाब मामले का खुलासा हुआ। वहीं उसके बाद अल्लामा इकबाल के गीत के पश्चात अब 3 शिक्षकों के मतांतरण के मामले के बाद टेरर फंडिंग की भी जांच की मांग उठाई जा रही है। गंगा जमुना स्कूल की तीन शिक्षकाएं मीडिया के सामने आईं, कहा - विवाह स्कूल जाइन करने से पहले ही कर लिया था। दमोह के गंगा जमुना स्कूल में और भी कई खुलासे होंगे। शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने डीईओ को हटाने के निर्देश जारी किए हैं।
उल्लेखनीय है कि दमोह के गंगा जमुना स्कूल में जिस प्रकार से इस प्रकार की गतिविधियों के लगातार ही खुलासे सामने आ रहे हैं। उसी क्रम में शाला की प्राचार्य एवं शिक्षिकाओं द्वारा किए गए मतांतरण का मामला भी मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दल की जांच के उपरांत सामने आया और इस मामले में बाल कल्याण समिति के सदस्य एडवोकेट दीपक तिवारी ने जिस प्रकार से इस मामले की जानकारी दी उसमें अनेक प्रकार की और भी जानकारियां सामने आती जा रही हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा द्वारा टेरर फंडिंग के मामले में जांच की मांग का भी अब नए सिरे से होने की संभावनाएं नजर आ रही हैं। शाला की प्राचार्य एवं शिक्षकों के मतांतरण के मामले में जब कलेक्टर मयंक अग्रवाल से बात की तो उनका कहना है कि इस मामले में किसी भी शिक्षक शिक्षिका द्वारा किसी भी प्रकार की कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है जिससे जांच की जा सके। इस मामले में शिकायत होने पर ही उनके द्वारा मतांतरण स्वयं या किसी के दबाव में किया गया है। सभी बिंदुओं पर जांच की जा सकती है लेकिन इस प्रकार की जानकारी जिला प्रशासन के पास नहीं है।
एडवोकेट दीपक तिवारी ने बताया कि मतांतरण करने के लिए व्यक्ति को कलेक्टर के पास आवेदन करना होता है और कलेक्टर बाकायदा उसका प्रकरण बनाकर नोटिस जारी कर इश्तहार जारी करता है फिर उस मामले में जानकारी एकत्रित की जाती है। यदि यह स्पष्ट होता है कि आवेदक स्वयं अपनी मर्जी से मतांतरण करना चाहता है तभी आदेश दिया जा सकता है। अन्यथा उस आवेदन को निरस्त कर दिया जाएगा। दमोह जिले में इस प्रकार के मामले में अभी तक किसी भी प्रकार का किसी भी व्यक्ति आज तक कोई आवेदन नहीं दिया है।
मंतातरण करने वाली शिक्षकों ने कहा - स्कूल प्रबंधक पर लगे आरोप गलत
शहर के गंगा जमना स्कूल में जिन तीन महिला शिक्षकों ने अपना धर्म बदला था वह अब सामने आ गई हैं और उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपना पक्ष रखा और आवक, जावक शाखा में अपने प्रमाण दिए। उन्होंने कहा कि अपनी मर्जी से उन्होंने धर्म बदला था। स्कूल प्रबंधक का कोई दवाब उनके उपर नहीं था क्योंकि वह जब बालिग हो गई थी तब अपनी मर्जी से उन्होंने धर्म बदलकर विवाह किया था।
2010 में किया था विवाह
गंगा जमना स्कूल की प्राचार्य अफसा शेख ने कहा कि उन्होंने 2000 में प्रेम विवाह कर लिया था और अपना धर्म परिवर्तन कर लिया था जबकि स्कूल 2010 में खुला है। इसलिए यह कैसे कहा जा सकता है कि स्कूल में आने के बाद उनका धर्म परिवर्तन हुआ।उन्होंने बताया कि धर्म बदलने के पहले उनका नाम दीप्ति श्रीवास्तव है और बालिग होने पर ही उन्होंने अपनी मर्जी से प्रेम विवाह किया था।धर्म बदलने के लिए स्कूल व प्रबंधन का कोई दवाब नहीं था। उन्होंने कहा कि अभी तक वह सामने इसलिए नहीं आई क्योंकि इसकी जरूरत नहीं थी अब जबकि बेवजह के आरोप लग रहे हैं इसलिए वह सामने आई हैं।
19 साल पहले किया था विवाह
इसी तरह दूसरी शिक्षिका तबस्सुम खान ने बताया कि शादी के पहले उनका नाम प्राची जैन था और 27 जनवरी 2004 में उन्होंने विवाह किया था क्योंकि वह उस समय बालिग हो गई थी और बालिग होने पर सभी को अधिकार है वह किस धर्म को अपनाना चाहते हैं।उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधक हाजी इदरिश खान का धर्म बदलने के लिए कोई दवाब नहीं था। उनकी शादी दमोह में ही हुई थी और स्कूल का संचालन उसके बाद हुआ था। इसलिए स्कूल प्रबंधन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
किसी भी जांच के लिए हैं तैयार
तीसरी शिक्षिका अनीता खान ने बताया कि उनका शादी के पहले का अनीता यदुवंशी था और 2013 में उन्होंने विवाह किया था जिसके सभी प्रमाण उनके पास हैं। स्कूल संचालक पर धर्म बदलने के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2021 में उन्होंने स्कूल में ज्वाइन किया था और इंटरव्यू के आधार पर उनका सिलेक्शन हुआ था।कोई भी जांच करवा ली जाए वह सभी जांच के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बाल समिति के सदस्य दीपक तिवारी ने स्कूल निरीक्षण के दौरान कहा था उन्होंने शिक्षकों से बात की थी जबकि उन्होंने कोई बात नहीं की थी।नगर पालिका में भी उनका नाम अनीता खान ही लिखा है चाहें तो नगर पालिका से जानकारी ले सकते हैं।