नईदुनिया, तेंदूखेड़ा दमोह (Damoh News)। तेंदूखेड़ा क्षेत्र में बड़ी संख्या में जंगली जानवर हैं। यहां पर सुबह और रात में ग्रामीणों को कई जानवर आते-जाते दिख जाते हैं। ग्राम सैलवाडा के रहवासी क्षेत्र में एक किमी दूरी पर रात से लेकर सुबह तक तेंदुआ दिख जाते हैं। ग्रामीण जब खेत के कार्य से जाते हैं, तब तेंदुए सामने से तेज रफ्तार में निकलते हैं।
बुधवार की सुबह एक युवक शौच के लिए गया था। उसी दौरान बंदरों के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। जिसके बाद उसने मुड़कर देखा, तो पीछे एक तेंदुआ आता दिखा। वह काफी तेज रफ्तार में आ रहा था।
मगर, जैसे ही जानवर की नजर युवक पर पड़ी, तो वह रुक गया और कुछ देर बाद वह वन विभाग की नर्सरी के अंदर चला गया। गुरुवार के इन लोगों ने अन्य ग्रामीणों को मामले की जानकारी दी, तो मामला सामने आया।
विमलेश यादव ने बताया कि वह बुधवार की सुबह साढ़े छह बजे शौच के लिए हाईस्कूल के आगे एक बड़े बहेरा पेड़ के पास के पास बैठा था। अचनाक बंदर शोर मचाने लगे, तो मेरी नजर तेंदुए पर पड़ी। जानवर को देख मेरी सांसे थम गईं थीं।
इसके बाद वह नर्सरी में चला गया। तेंदुआ दो मिनट तक वहां खड़ा रहा और मुझे देखता रहा। इसी तरह गोपाल रैकवार और सौरभ रात में खेत से आ रहे थे। तभी उनको सिद्ध क्षेत्र बड़ादेव के पास वही जानवर दिखाई दिया था।
जिस जगह पर बड़े जानवर होने की पुष्टि ग्रामीण कर रहे हैं, और जिस नर्सरी के अंदर जानवर जाने की बात की जा रही है। वह तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र की शिलापुरा बीट लगती है। पिछले तीन वर्षों में इस नर्सरी में तीन जंगली जानवरों का शिकार हुआ है। इनमें दो भालू और एक नील गाय थी। बाद में शिकारी भी पकड़ गये थे।
सूत्र बताते है नर्सरी के अंदर पानी है। इसलिए यह जानवर यहां आते-जाते रहते हैं। बड़ा दिखने वाला जानवर है। ग्रामीण उसे भले चीता कह रहे हैं, लेकिन वह तेंदुआ होगा, क्योंकि उस शिलपुरा बीट में अन्य जंगली जानवरों के साथ तेंदूखेड़ा भी है।
ग्रामीणों अनुसार, उन्होंने जो जानवर देखा था वह तेंदुआ है। जबकि वन विभाग ने मौके पर जाकर देखा, तो उनको कुछ नहीं मिला। बाद में वन अमले ने ग्राम के लोगों को सचेत किया कि आप सभी सतर्क रहें, सुरक्षित रहे।