सोनू यादव, तेंदूखेड़ा दमोह (Damoh News)। ब्लाक के तेजगढ़ गांव में रहने वाली तुलसाबाई खटीक रविवार तक गुमनामी की जिंदगी जी रही थीं, लेकिन भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र खटीक उनके घर पहुंचे तो इस महिला के साथ अब कई रिश्ते जुड़ गए।
वाहन से नीचे उतरते हुए केन्द्रीय मंत्री। नईदुनिया
कहते है यह तो सब समय का ही खेल होता है और लोग केवल उसे ही पूछते है जिसकी प्रतिष्ठा होती है। ऐसा ही कुछ तेजगढ़ में रहने वाली इस बुजुर्ग महिला के साथ हुआ जिसने कभी किसी को नहीं बताया कि उनका भांजा भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री है, लेकिन जब केंद्रीय मंत्री खुद तेजगढ़ पहुंचे तब लोगों को इस बात की जानकारी लगी।
इस महिला को माता शबरी की संज्ञा दी जा रही है, क्योंकि जब तक भगवान राम शबरी माता की कुटिया नहीं पहुंचे और उनके झूठे बेर नहीं खाए तब तक शबरी के बारे में भी किसी को जानकारी नहीं थी। जैसे ही भगवान राम ने माता शबरी को दर्शन दिए तो शबरी माता की भक्ति की चर्चा चारों ओर होने लगी।
बुजुर्ग और निर्धन महिला से मिलने खुद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक उसके घर पहुंचे, उनके साथ प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी भी आम लोगो की भांति जब गरीब महिला के टूटे-फूटे मकान पहुंचे तो उनके पीछे बड़ी मात्रा में पुलिस प्रशासन का काफिला आगे पीछे लगा था।
लोग बुजुर्ग महिला के इस तरह आगे पीछे हो रहे थे जैसे आज उस बुजुर्ग महिला की एक हां कहने पर उनके भाग्य बदल जाएंगे। जिस प्रशासनिक अमले ने तीन दिन तक महिला की समस्याओं को अनदेखा किया। वही प्रसाशनिक अमला महिला के आगे पीछे हो रहा था और सभी उनको इस तरह सम्मान देने मे जुटे थे। जैसे उनके लिए वह बुजुर्ग महिला ही सब कुछ है जिसको आज तक उन सभी ने अनदेखा किया था।
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक से ग्राम तेजगढ़ के लोग ऐसे मिल रहे थे जैसे वे मंत्री नही उनके अपने है। किसी को वह उनका सगे रिस्तेदार तो कोई पुराने साथी निकले क्योंकि तेजगढ़ केंद्रीय मंत्री का ननिहाल है।
केंद्रीय मंत्री अपनी मौसी के घर आए थे। गांव के बुजुर्ग मंत्री को अपना भांजा और ग्रामीण अपना बड़ा भाई मानते हैं, क्योंकि बालपन में केंद्रीय मंत्री तेजगढ़ में ही रहे है, मौसी की डांट फटकार भी सुनते थे।
तुलसाबाई खटीक केंद्रीय मंत्री की सगी मौसी निकली जो गरीबी और निर्धनता में अपना अकेले जीवन जी रहीं है, उनकी संतान नहीं है पति की मौत हो चुकी है। जैसे ही केंद्रीय मंत्री उनके घर पहुंचे तो उसके साथ सैकड़ों गाड़ियों का काफिला भी पहुंचा। यह देख ग्राम तेजगढ़ के लोग दंग रह गये बाद में मंत्री को वाहन से उतरता देखा तो भनेज भैया आये हैं यह कहते हुये उनके पास आये और सम्मान किया।
केंद्रीय मंत्री ने भी मौजूद प्रशसनिक अमले को कुछ समय के लिए अपने से दूर कर दिया और ग्राम के लोगों से वह उसी तरह मिले जैसे एक आम व्यक्ति अपने साथियों और रिश्तेदारों से मिलते हैं। यह आलम लगभग आधा घंटा चलता रहता था बाद में केंद्रीय मंत्री ने राज्यमंत्री धर्मेंद सिंह लोधी के साथ उस घर में गये जहां उन्होंने अपना बालपन गुजारा है और यादें ताज़ा कीं।
50 वर्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री तेजगढ़ में जिस सगी मौसी के घर महीनो रहते थे वह काफी परेशानियों का सामना कर रहीं है। शौचालय, आवास भी उसके पास नही है जिसके लिए वह पंचायत और जमीनी कामों के लिए तहसील के चक्कर लगा रही है और उनका सगा भतीजा केंद्रीय मंत्री है।
तुलसाबाई ने यह बात सबसे छुपा कर रखी, सोमवार को जब यह भेद खुला तो अब तुलसाबाई के आगे पीछे बड़े-बड़े नेता अधिकारी घूम रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने उनकी स्थति देखी और तेंदूखेड़ा एसडीएम को बुलाया और समस्या के निराकरण करने के निर्देश दिए। क्षतिग्रस्त भवन सुधारने के लिए पैसे आफर किये तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया और जब मंत्री जाने लगे तो उन्होंने पठानी के तौर पर एक थैली में कुछ सामग्री रखकर उनको विदा किया।