दमोह (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सोमवार देर रात शहर के चैनपुरा क्षेत्र चमड़ा फैक्ट्री के समीप घर के सामने पेशाब करने से रोकने पर उपजे विवाद ने बड़ा रूप ले लिया। कुछ ही देर में विवाद इतना बड़ा कि आरोपित पक्ष के साथ आए दर्जनों लोगों ने मिलकर पीड़ित पक्ष पर हमला कर दिया, जिसमें शिक्षक अजय मुड़ा की मौत हो गई और उसका भांजा सुजीत मुड़ा गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल से जबलपुर रेफर किया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। मंगलवार सुबह जैसे ही घटनाक्रम की खबर शहर में फैली तो हिंदू संगठनों से जुड़े दर्जनों लोग पीड़ित के घर पहुंच गए। इसी दौरान भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैया भी समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे और शव को घंटाघर पर रखकर विरोध प्रदर्शन करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। इसके बाद एंबुलेंस में रखे शव को अस्पताल चौराहे पर लाया गया, जहां सैकड़ों लोगों ने सड़क पर बैठकर धरना दिया। इस दौरान भी शव को एंबुलेंस से निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया। मृतक के मामा द्वारका मुड़ा की शिकायत पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार सोमवार रात मृतक अजय मुड़ा अपने स्वजन द्वारका मुड़ा के घर बैठा हुआ था। इसी समय रियाज कसाई नाम का आरोपित उनके द्वारका मुड़ा के घर के सामने पेशाब करने लगा, जिस पर उन्होंने उसे रोका। रियाज के साथ एक और आरोपित था। दोनों आरोपितों ने द्वारका मुड़ा की बात को नजरअंदाज कर दिया, जिस पर उनके बीच विवाद होने लगा। इस इस समय मृतक अजय व उसका भांजा सुजीत घर में ही थे। जब सुजीत बाहर निकला तो आरोपितों से उसकी भी कहासुनी हो गई। इसके बाद आरोपित यह कहते हुए वहां से चले गए कि वह अभी आकर देखते हैं।
10 मिनट बाद पहुंचे दर्जनों, किया हमला : करीब 10 मिनट बाद आरोपित रियाज कसाई के साथ शमीम कसाई, मटरू कसाई, कय्यूम कसाई, बब्बा कसाई और कई अन्य आरोपित हथियार लेकर पहुंचे और उन्होंने द्वारका के घर के सामने गालियां देना शुरू कर दिया। आवाज सुनकर द्वारका व उसका स्वजन सुजीत घर के बाहर निकला तो आरोपितों ने उन पर हमला कर दिया। हमले में द्वारका को सामान्य चोट आई, लेकिन चाकुओं के हमले में सुजीत गंभीर रूप से घायल हो गया। झगड़े की आवाज सुनकर बीच-बचाव के लिए मृतक अजय मुड़ा भी पहुंचा तो आरोपितों ने उस पर भी जानलेवा हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल पहुंचते ही उसकी मौत हो गई।
हिंदू संगठन व राजनैतिक संगठन हुए सक्रिय : घटना की सूचना के बाद मंगलवार सुबह हिंदू संगठन से जुड़े युवा पीड़ित के घर पहुंचे। इधर सिद्धार्थ मलैया ने भी मोर्चा संभाला। सभी ने तय किया कि वह शव लेकर घंटाघर जाएंगे और वहां पर विरोध प्रदर्शन करेंगे, लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी, लेकिन विरोध करने वाले नहीं माने और उन्होंने घंटाघर पर शव को एंबुलेंस से निकालने का प्रयास किया। पुलिस मुस्तैद थी, इसलिए काफी खींचतान के बाद भी शव को बाहर नहीं निकालने दिया गया। इसके बाद सभी विरोध करते हुए अस्पताल चौराहा पहुंचे और वहां पर विरोध जताया। इसके बाद उचित कार्रवाई के आश्वासन पर शव का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के बाद फिर दर्जनों लोग एसपी कार्यालय पहुंचे और एसपी हेमंत चौहान से बात की।
पुलिस की एफआइआर पर किया विरोध : एसपी कार्यालय में एसपी हेमंत चौहान से बात करते हुए सिद्धार्थ मलैया व विक्रांत गुप्ता ने कहा कि पुलिस ने जो एफआइआर की है, उसमें आरोपितों की सूची में विजय अहिरवार व एक रवि अहिरवार का नाम लिखा है, जबकि वह घटना में नहीं थे। जिन आरोपितों ने हमला किया और हत्या की है वह सभी कसाई मंडी के थे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने धोखे से ऐसे लोगों को बुलाकर उन्हें गिरफ्तार किया और एफआईआर कर दी, जबकि उनका मामले से कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया कि घटना के दौरान एक सख्त जो घायल हुआ है, उसके बयान पुलिस ने नहीं लिए, जबकि एफआईआर उसकी तरफ से होना चाहिए थे। इस पर एसपी ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो भी आरोपित होंगे उसके नाम एफआइआर में दर्ज किए जाएंगे, जो नहीं होंगे, उनके नाम विवेचना में हटा दिए जाएंगे। एसपी श्री चौहान ने बताया कि पुलिस ने आरोपितों के घरों में दबिश दी है। कसाई मंडी क्षेत्र में रात भर पुलिस ने सर्चिग की है। आरोपितों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मामला दर्ज, सात आरोपित गिरफ्तार : कोतवाली टीआई एचआर पांडेय ने बताया कि मृतक के स्वजन द्वारका मुड़ा की रिपोर्ट पर पुलिस ने नामजद छह व अन्य कई आरोपितों के खिलाफ धारा 307, 302, 323, 147, 148, 149 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। अभी सात आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं।