नईदुनिया, तेंदूखेड़ा दमोह (Accident In Damoh)। , सोमवार सुबह प्रदीप जैन युवक सड़क हादसे में घायल हो गया था और स्थानीय लोगों ने उसे 108 एंबुलेंस उपलब्ध कराई। 108 के कर्मचारी प्रदीप जैन को तेंदूखेड़ा शासकीय अस्पताल और जबलपुर के मेडिकल कालेज ना ले जाकर जबलपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कर वहां से निकल गए।
घायल ने स्वजनों को सूचना दी जिसके बाद स्वजन निजी अस्पताल पहुंचे और वहां भुगतान करने के बाद घायल की छुट्टी की गई। तेंदूखेड़ा के सीबीएमओ आरआर बागरी का कहना है कि सोमवार सुबह से तेंदूखेड़ा में कोई भी घायल व्यक्ति नहीं आया ना किसी को जबलपुर रेफर किया गया है।
जानकारी घायल स्वजनों को लगी तो वह जबलपुर पहुंचे और घायल के रिश्तेदार की खोजबीन मेडिकल कालेज में करने लगे। बाद में उनको पता चला की 108 वाहन के कर्मचारी उनके रिश्तेदार को दीनदयाल चौक पर एक निजी अस्पताल में छोड़कर चले गए।
स्वजनों ने घायल का उपचार कराने से मना किया तो अस्पताल प्रबंधन ने छुट्टी करने के पूर्व स्वजनों से पहले पैसे जमा करवाये उसके बाद छुट्टी दी। वहीं जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी से घायल के स्वजनों द्वारा 108 वाहन की लापरवाही को लेकर बात की तो उनका कहना है कि लिखित शिकायत मिल जाये तो जांच और वाहन या चालक की पहचान हो जाये तो कार्रवाई की जाएगी।
घटना में युवक 27 वर्षीय घायल सिंग्रामपुर निवासी निवेश जैन का भांजा है जो सागर से जबलपुर अपनी बाइक से जा रहा था। तेंदूखेड़ा थाने अंतर्गत सीमा पर उसकी बाइक एक पेड़ से टकरा गई, राहगीरों ने घटना की जानकारी 108 पर दी। एक वाहन मौके पर पहुंचा और घायल युवक को सीधे जबलपुर ले गया।
नियम अनुसार 108 को घायल व्यक्ति को तेंदूखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र लाना था, उसके बाद उसको रिफर किया जाता लेकिन वह घायल मरीज तेंदूखेड़ा शासकीय स्वास्थ्य केंद्र नहीं लाया गया और सीधे जबलपुर की निजी अस्पताल पहुंच गया। जो वाहन घायल व्यक्ति को लेकर पहुंचा उसका अस्पताल में कोई रिकार्ड भी नहीं है।
स्वजन निवेश जैन ने बताया की उनके भांजा सड़क हादसे में घायल हुआ था, जानकारी लेने पर पता चला की उसको 108 वाहन की मदद से जबलपुर भेजा गया है। हम लोगो ने सोचा जब 108 से भांजा आ रहा है तो वह मेडिकल कालेज जायेगा लेकिन वह मेडिकल नहीं पहुंचा।
घंटों बाद पता चला की उनका भांजा दीनदयाल चौक पर एक नई निजी अस्पताल में भर्ती है। वह गये उस वाहन की जानकारी ली जो उसको अस्पताल में छोड़ गया तो वाहन की जानकारी नहीं मिली। भांजे की वहां से छुट्टी कराई तो अस्पताल प्रबंधन ने पहले नौ हजार रुपये लिए जबकि उपचार के नाम पर मात्र एक एक्सरा किया था।
निवेश जैन ने बताया यदि 108 वाहन उसके भांजे को लेकर आया है तो उसको मेडिकल में छोड़ना था जो उसने नहीं किया। प्राइवेट वाहन घटना में घायल व्यक्ति को ला नहीं सकता जब तक कोई साथ में स्वजन ना हो और घटना के समय मेरे भांजे के साथ कोई नहीं था।