विश्व कप की यादें : लोकतंत्र के समर्थन के लिए अपनाया विशिष्ट तरीका
एंडी फ्लॉवर और हेनरी ओलोंगा ने 2003 विश्व कप में हरारे में जिम्बाब्वे की लोकतंत्र शक्ति को बढ़ाने का संदेश दिया।
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Publish Date: Sat, 07 Feb 2015 03:43:57 PM (IST)
Updated Date: Sat, 07 Feb 2015 07:08:30 PM (IST)
खेल डेस्क। 10 फरवरी 2003 को जिम्बाब्वे के हरारे स्टेडियम में खेल और राजनीति का एकसाथ टकराव हुआ। जिम्बाब्वे पहली बार विश्व कप मैच की मेजबानी कर रहा था। मैच नामीबिया के खिलाफ था, यह ऐतिहासिक पल था, लेकिन इतिहास में इसे क्रिकेट के अलावा कई अन्य कारणों के लिए याद किया जाता है।
जिम्बाब्वे के दो खिलाड़ी (एक श्वेत और एक अश्वेत खिलाड़ी) एंडी फ्लॉवर और हेनरी ओलोंगा ने हाथ पर काला बैन्ड पहनकर जिम्बाब्वे की लोकतंत्र शक्ति को बढ़ाने का संदेश दिया। उल्लेखनीय है कि जिम्बाब्वे में उस समय राजनीतिक तनाव और रंगभेद चल रहा था जिसका विरोध करने का बीड़ा इन दो खिलाडि़यों ने उठाया।
फ्लॉवर और ओलोंगा ने बाद में सफाई देते हुए बताया कि हमारे देश में मृत लोकतंत्र को जगाने के लिए हमने ऐसा कदम उठाया है। हमें उम्मीद है कि हमारे छोटे से प्रयास से देश में एकता बढ़ेगी। जिम्बाब्वे के खिलाडि़यों को इसके बाद धमकियां भी मिली, लेकिन देशप्रेम के कारण उन्होंने ऐसा करना सही समझा।
फ्लॉवर और ओलोंगा का यह बाउंसर क्रिकेट जगत में खूब चर्चित हुआ। जिम्बाब्वे ने क्रेग विशार्ट (172) की पारी की बदौलत नामीबिया को 86 रन से हराया था।