Kamal Nath के केक विवाद में डैमेज कंट्रोल की कोशिश, केक लाने वाली महिला ने सार्वजनिक रूप से मांगी माफी
Kamal Nath Cake Controversy: कमल नाथ द्वारा मंदिर की आकृति का केक काटने के बाद बाद सामने आईं समाजसेवी कीर्ति सुधांशु। कहा, भाजपा नेताओं ने बगैर सच जाने किया दुष्प्रचार। कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही। खुद को बताया हनुमान भक्त।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Thu, 17 Nov 2022 02:37:36 PM (IST)
Updated Date: Thu, 17 Nov 2022 02:37:36 PM (IST)
छिंदवाड़ा, नवदुनिया प्रतिनिधि। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के केक प्रकरण को लेकर समाजसेवी और केकेएफ की संचालक कीर्ति सुधांशु ने सार्वजनिक रूप से सफाई पेश की है। गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान कीर्ति ने कहा कि पूरे प्रकरण से मैं आहत हूं! अगर इस घटना से कोई आहत हुआ है तो मैं माफी मांगती हूं, लेकिन ये सिर्फ कमल नाथ जी के प्रति शुभचिंतक होने के नाते भावनाओं का प्रकटीकरण था। जिन लोगों ने मेरे खिलाफ दुर्भावना से दुष्प्रचार किया है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। कमल नाथ ने तो हनुमान जी की आकृति वाला केक काटा भी नही, लेकिन भाजपा नेताओं ने बिना सच्चाई जाने दुष्प्रचार किया। भाजपा जिला अध्यक्ष मेरे बचपन के मित्र हैं। उन्हे इस प्रकार मेरे नाम का दुरुपयोग नहीं करना था।
कीर्ति ने कहा कि कमल नाथ के जन्मदिन को लेकर मैने अपनी भावनाएं प्रकट की थीं, जिसके लिए 25 किलो का केक तैयार किया गया था, जिसमे पिरामिड के आकार की आकृति बनाई थी, जो कमल नाथ की जिले की विकास यात्रा का प्रतीक है। साथ ही हनुमान जी को स्टिक में लगाया था। जिसे बाद में निकाल लिया गया, लेकिन राजनीतिक दुर्भावना के चलते गलत तरीके से दुष्प्रचार किया गया। कमल नाथ ने 42 सालो तक जनता की सेवा की है इसे लेकर ही भाव प्रकट किए गए।
उन्होंने कहा कि हमारा तमाशा बनाकर रख दिया गया। मैं तो खुद हनुमान की भक्त हूं। छिंदवाड़ा कलाकारों की नगरी है। हमने भी अपनी कल्पना के आधार पर केक बनवाया। हमारी संस्था दो साल से सेवा कर रही है। मैं खुद सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ी हूं। ये भी झूठ फैलाया गया कि अंडे का केक है, जबकि ऐसा नहीं है।