छतरपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले के नौगांव में डीजे की धुन पर नाचते बराती, जब दूल्हा के साथ दुल्हन वालों के घर पहुंचे तो वहां मौजूद काजी साहब ने निकाह पढ़ाने से इनकार कर दिया। काजी साहब ने कहा कि शादी समारोह में डीजे, बैंड- बाजे बजाना ठीक नहीं है। दूल्हा और दुल्हन पक्ष के लोगों ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी तब जाकर काजी साहब ने निकाह पढ़ाया। इस मान मनौव्वल में करीब चार घंटे का समय लग गया।
बैंड बाजे वालों से ही पढ़वालो निकाह
नौगांव में शुक्रवार रात शादी समारोह का आयोजन था। दूल्हा पक्ष के लोग बरात लेकर डीजे की धुन पर थिरकते हुए दुल्हन पक्ष के यहां पहुंचे। दुल्हन पक्ष के कार्यक्रम में मौजूद काजी साहब ने बरात में डीजे और नाच गाने पर एतराज जताया।
साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी जगह में निकाह नहीं पढ़ा सकता। काजी साहब के इनकार करने से दूल्हा और दुल्हन पक्ष के लोग सकते में आ गए। काफी लोगों ने काजी साहब से निकाह पढ़ाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। काजी साहब ने कहा कि शादी समारोह में जिस चीज के लिए मनाही है, आप लोग अगर उसे करेंगे तो फिर में निकाह नहीं पढ़ा सकता हूं।
काजी साहब ने दूल्हा से भी कहा कि हम नौगांव में पिछले ढाई साल से शादी समारोह सादगी से करने की मुहिम चला रहे हैं। आप बैंड बाजे और डीजे के साथ बरात चढ़ा कर लाए हैं। इतना ही नहीं आप बैंड बाजे और डीजे के साथ मस्जिद तक भी गए हैं। यही वजह है कि मैं निकाह पढ़ाने के लिए अपना बैग लेकर नहीं आया हूं।
काजी साहब ने कहा कि अब आप बैंड बाजे वालों से ही निकाह पढ़वा लीजिए। इस पर दूल्हा और मौके पर मौजूद सभी लोगों ने माफी मांगी तब जाकर काजी साहब माने। चार घंटे की मान मनौव्वल के दौरान दूल्हा और दुल्हन पक्ष के लोगों ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी तब जाकर काजी साहब ने निकाह पढ़ाया।
काजी मुनव्वर रजा कादरी साहब ने बताया कि उन्होंने शादी में फिजूल खर्च रोकने के लिए शुरुआत की है। शादी में डीजे बजाने और नाचना-गाना इस्लाम में जायज नहीं है। लोग डीजे पर शराब पीकर नाचते हैं और हुड़दंग करते हैं। इस शोर शराबे से आसपास में रहने वाले लोगों को भी परेशानी होती है। बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं। इन्हीं सारी चीजों को देखते हुए भी इसकी मनाही करते हैं